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RG Kar tragedy : सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया –यह गैंगरेप का मामला नहीं

कोलकाता : (Kolkata) केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) (सीबीआई) ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को सूचित किया कि आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (R.G. Kar Medical College and Hospital) की महिला जूनियर डॉक्टर के साथ गैंगरेप नहीं हुआ था।

न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष (Justice Tirthankar Ghosh) की एकल पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी, जो अगस्त पिछले साल एक महिला डॉक्टर की कथित बलात्कार और हत्या से जुड़ा है। इससे पहले, 24 मार्च को इस मामले की ताजा सुनवाई के पहले दिन, न्यायमूर्ति घोष ने सीबीआई से यह स्पष्ट करने को कहा था कि यह मामला बलात्कार का था या सामूहिक दुष्कर्म का।

शुक्रवार को सीबीआई ने स्पष्ट किया कि इस घटना को गैंगरेप नहीं कहा जा सकता। इसके साथ ही एजेंसी ने यह भी बताया कि वर्तमान जांच का मुख्य फोकस सबूतों के साथ छेड़छाड़ और उनके बदलने के पहलू पर है, जो कि शुरुआती जांच के दौरान कोलकाता पुलिस की भूमिका को भी सवालों के घेरे में लाता है।

सीबीआई ने शुक्रवार दोपहर इस मामले की प्रगति को लेकर कोलकाता की एक विशेष अदालत में तीन पन्नों की स्थिति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। इसी अदालत ने हाल ही में मामले के एकमात्र दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

इसके अलावा, सीबीआई ने न्यायमूर्ति घोष की पीठ के समक्ष केस डायरी भी पेश की, जैसा कि अदालत ने 24 मार्च को निर्देश दिया था। जांच एजेंसी ने बताया कि उनके निष्कर्षों की पुष्टि 14 फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम ने की है, जिसने विभिन्न दस्तावेजों की जांच की।

सीबीआई के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि इस समय जांच का मुख्य बिंदु अपराध के बाद की गतिविधियां हैं, विशेष रूप से सबूतों के साथ छेड़छाड़ और उन्हें बदलने से जुड़ा संभावित “बड़ा षड्यंत्र”। अदालत ने अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की है और यह निर्देश दिया है कि मामले की प्रारंभिक जांच से जुड़ी केस डायरी भी अगली सुनवाई में प्रस्तुत की जाए।

गौरतलब है कि पीड़िता का शव नौ अगस्त को अस्पताल परिसर के सेमिनार हॉल से बरामद किया गया था। कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने इस मामले की प्रारंभिक जांच की थी और संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। बाद में, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंप दी गई और इसके तहत संजय रॉय को कोलकाता पुलिस की हिरासत से निकालकर सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया गया।

हाल ही में कोलकाता की एक विशेष अदालत ने संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन सीबीआई ने इस फैसले को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की है।

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