India Ground Report

Raipur: हाईकोर्ट ने बुजुर्ग महिला के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की व्यवस्था करने दिए निर्देश

रायपुर :(Raipur) हाईकोर्ट (High Court) ने चुनाव आयोग को 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की व्यवस्था करने के निर्देश को दिए हैं। पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए बुजुर्ग महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट बिलासपुर ने यह फैसला दिया।

याचिकाकर्ता बुजुर्ग महिला सरला श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में डाक मतपत्र से मतदान का अधिकार मांगा और कहा है कि वह दोनों घुटनों में गंभीर आस्टियो अर्थराइटिस से पीड़ित है। चलने-फिरने, खड़े होने में असमर्थ हैं और पिछले तीन महीनों से ओपेस्टीटाइलेगड्रिड है।उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रविधानों के अनुसार वोट देने का संवैधानिक अधिकार है। उसकी उम्र 78 वर्ष है और बीमारी से ग्रसित है। डाक मतपत्र द्वारा वोट डालने के लिए मतदाताओं की एक विशेष श्रेणी में आ जाएगी।

हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि मतदान करना भारत के लोंगों का संवैधानिक और मूलभूत अधिकार है. इससे किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है। जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की एकल पीठ ने चुनाव आयोग को निर्देश देते हुए कहा है कि बिलासपुर निवासी 78 वर्षीय महिला के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की व्यवस्था की जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो कोई भी किसी कारण से चलने में असमर्थ है।उससे हर बार स्थानीय विकलांगता का प्रमाणपत्र भी नहीं मांगा जा सकता। चुनाव आयोग या जिला प्रशासन चाहे तो ऐसे म़ामलों में पोस्टल बैलेट से वोट देने के आवेदनों की जांच भी कर सकता है।लेकिन मतदान की व्यवस्था तो करनी ही होगी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि याचिकाकर्ता भारत का नागरिक है। उसका नाम मतदाता सूची में मौजूद है। उसे अपना वोट डालने का अधिकार है। वह चलने में असमर्थ है और इस संबंध में एक चिकित्सक द्वारा उसके पक्ष में एक चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी किया गया है। लिहाजा याचिकाकर्ता को संबंधित रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष नियम 1961 के फार्म 12 या फार्म 12 डी के अनुसार आवेदन करने की अनुमति दी जाती है। ऐसे प्राधिकारी को याचिकाकर्ता के दावे पर कानून के अनुसार विचार करने के निर्देश दिए जाते हैं और यदि यह पाया जाता है कि वह डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डालने की हकदार है तो उसके पक्ष में डाक मतपत्र जारी किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि 1961 के नियमों और चुनाव आयोग द्वारा इस संबंध में समय-समय पर जारी अधिसूचना के अनुसार डाक मतपत्र जारी किया जाएगा। आदेश की प्रति रिटर्निंग अफसर को प्रेषित करने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं।

राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए विधि अधिकारी ने बताया कि याचिकाकर्ता ने नियम 1961 के फार्म 12 या फार्म 12 डी के अनुसार कोई आवेदन नहीं दिया है। डाक मतपत्र जारी करने के लिए एक साधारण आवेदन दायर किया गया था। उपयुक्त आवेदन रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया था, इसलिए ऐसे प्राधिकारी द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

Exit mobile version