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Raipur : सीजीपीएससी भर्ती परीक्षा घोटाला , छत्तीसगढ़ के कई शहरों में सीबीआई की दबिश

रायपुर : (Raipur) सीजीपीएससी भर्ती परीक्षा घोटाले (CGPSC recruitment exam scam) की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने आज सुबह रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग भिलाई समेत कई शहरों में दबिश दी है । आधिकारिक सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ल के यदुनंदन नगर स्थित पुराने आवास पर सीबीआई की 5 से 10 लोगों की टीम पहुंची है। राजेंद्र शुक्ल के पुत्र स्वर्णिम शुक्ल (Rajendra Shukla’s son Swarnim Shukla) का डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है। बताया जाता है कि हाईटेक बस स्टैंड के पास स्थित नए मकान में भी सीबीआई ने दबिश दी है ।सीबीआई जरूरी दस्तावेजों की जांच कर रही है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती में गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के आरोप में बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में प्राथमिक की दर्ज कराई गई है। इस प्राथमिकी में तत्कालीन अध्यक्ष सिंह सोनवानी ,सचिव, परीक्षा नियंत्रक सहित कई अधिकारियों -नेताओं का नाम शामिल है। सीबीआई 2019 के बाद जितनी भी भर्ती परीक्षाएं हुई हैं उन सभी की जांच करेगी।

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन अध्यक्ष, अधिकारियों और राजनेताओं के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को 2020-22 के दौरान जिला कलेक्टरेट और डिप्टी एसपी के रूप में नियुक्त किया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सोनवानी के बेटे नितेश को कथित तौर पर डिप्टी कलेक्टर, उनके बड़े भाई के बेटे साहिल को डिप्टी एसपी और उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी, उनके बेटे की पत्नी निशा कोसले को डिप्टी कलेक्टर और उनके भाई की बहू को कथित तौर पर डिप्टी कलेक्टर के रूप में चुना गया था। सीबीआई के अनुसार छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे (सुमित) को डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित किया।

एजेंसी ने तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जेके ध्रुव और अन्य के खिलाफ कथित भाई-भतीजावाद और अपने अयोग्य बेटों, बेटी, रिश्तेदारों और परिचितों को जिला कलेक्टरों, डिप्टी एसपी के बड़े पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेरिट सूची में डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी।

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