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Pyongyang : उत्तर कोरिया में ‘किम राजवंश के वफादार’ पूर्व राष्ट्रपति किम यॉन्ग नाम का निधन

प्योंगयांग : (Pyongyang) उत्तर कोरिया में किम राजवंश के वफादार और लगभग दाे दशकाे से भी ज्यादा समय तक ‘नाममात्र’ के राष्ट्रपति रहे किम यॉन्ग नाम का सोमवार को 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

सरकारी मीडिया ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (KCNA) ने यह जानकारी दी। एजेंसी के अनुसार, उनकी मौत कई अंगाें के निष्क्रिय हो जाने के कारण हुई। किम यॉन्ग नाम (Kim Yong Nam) को किम परिवार के प्रति अटूट वफादारी का प्रतीक माना जाता था। किम यॉन्ग नाम का किम परिवार से कोई रक्त संबंध नहीं था, लेकिन वह ‘किम राजवंश’ के सबसे वफादार सहयोगी के रूप में जाने गए । उन्होंने किम राजवंश की तीन पीढ़ियाें, किम इल-सुंग, किम जोंग इल और वर्तमान सर्वाेच्च नेता किम जोंग उन की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उनका राजनीतिक सफर 1950 के दशक में सत्ताधारी ‘वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया’ में शामिल हाेने के साथ आरंभ हुआ ।

1978 में वह पार्टी के राजनीतिक ब्यूरो में शामिल हुए और 1983 से 1998 तक विदेश मंत्री रहे, जहां उन्होंने तीसरी दुनिया के देशों के साथ कूटनीतिक संबंध मजबूत करने में विशेषज्ञता हासिल की। वह 2012 में ईरान में गुटनिरपेक्ष आंदाेलन के शिखर सम्मेलन में उत्तर कोरिया का प्रतिनिधित्व करने गए थेे। राजनीतिक आंतरिक साजिशों के दौर में भी वह इनसे बचे रहे और 2013 में किम जोंग उन के चाचा की हत्या जैसे संवेदनशील मामलों में भी उनके ऊपर काेई आंच नहीं आई।

1998 से 2019 तक किम यॉन्ग नाम ‘सुप्रीम पीपुल्स असेंबली’ (Supreme People’s Assembly) के प्रेसिडियम के अध्यक्ष रहे। यह पद उत्तर कोरिया का औपचारिक राष्ट्रपति पद था, जहां वह विदेशी मेहमानों का स्वागत करते और किम राजवंश के प्रति वफादारी में जोरदार भाषण देते। हालांकि बढ़ती उम्र के साथ उनका प्रभाव कम हुआ और अप्रैल 2019 में किम जोंग उन के करीबी चोए रयोंग हाए ने उनका स्थान ले लिया।

इस बीच उत्तर काेरिया के सर्वाेच्च नेता किम जोंग (North Korean Supreme Leader Kim Jong) उन ने मंगलवार सुबह किम यॉन्ग नाम के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। गुरुवार को उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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