
Pune : महाराष्ट्र फाउंडेशन अमेरिका ने किया अंशुल छत्रपति को डॉ. नरेंद्र दाभोलकर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित

पुणे: महाराष्ट्र फाउंडेशन अमेरिका (Maharashtra Foundation America) की ओर से डॉ. नरेंद्र दाभोलकर स्मृति पुरस्कार हरियाणा, सिरसा के एक जुझारु कार्यकर्ता अंशुल छत्रपति को प्रदान किया गया। बाबा राम रहीम (Baba Ram Rahim) को जेल भेजने के लिए अंशुल छत्रपति ने कड़ा संघर्ष किया था।
शुक्रवार दिनांक 29 अप्रैल को शाम 6 बजे पुणे के श्रमिक पत्रकार भवन में आयोजित एक समारोह में महात्मा गांधी के पोते तथा वरिष्ठ विचारक तुषार गांधी (Tushar Gandhi) ने उन्हें एक स्मृति चिन्ह और एक लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर बोलते हुए तुषार गांधी ने कहा कि हरियाणा के रामचंद्र छत्रपति के हत्यारों को ढूंढ कर सजा दी गई। हालांकि, डॉ. नरेंद्र दाभोलकर के हत्यारों की तलाश में देरी हुई है। जिस विचारधारा से हत्या की गई, उससे जुड़े संगठनों की जांच क्यों नहीं की गई? जो हरियाणा में हुआ वह महाराष्ट्र में क्यों नहीं हो सका? ऐसे सवाल करते हुए तुषार गांधी ने अफसोस जताया कि यह प्रगतिशील महाराष्ट्र के लिए शर्म की बात है।
तुषार गांधी ने आगे कहा की, नए भारत में दिन-ब-दिन हत्या की परंपरा बढ़ती जा रही है, समाज में नफरत फैलाई जा रही है और इसके लिए इतिहास का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये नफरत सिर्फ हिजाब और लाऊडस्पीकर पर ही नहीं रुकेगी, कल आपके घर तक पहुंच जाएगी। इसलिए अभी से हमें सतर्क रहना होगा।
पुरस्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए अंशुल छत्रपति (Anshul Chhatrapati) ने कहा कि मेरे पिता रामचंद्र छत्रपति ने सच्चा डेरा के गुरमीत राम रहीम के खिलाफ आवाज उठाई थी। इस आवाज को दबाने के लिए उनकी हत्या कर दी गई थी। लेकिन हम डरे नहीं, हमने अपनी लड़ाई 17 साल तक जारी रखी। अंत में हमें न्याय मिला। गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को सजा दी गई। डॉ. दाभोलकर के हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए। सूत्रधार को पकड़ा जाना चाहिए। मुझे जो सम्मान मिला है, वह रामचंद्र छत्रपति (Ramchandra Chhatrapati) के बलिदान और अन्याय के खिलाफ आंदोलन के लिए है।
इस कार्यक्रम में अमेरिका से महाराष्ट्र फाउंडेशन के प्रवर्तक सुनील देशमुख (Sunil Deshmukh) ने ऑनलाइन बात की, उन्होंने डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की स्मृतियों को जगाया तथा इस पुरस्कार के पीछे महाराष्ट्र फाउंडेशन की भूमिका के बारे में बताया।
‘मासूम’ की मनीषा गुप्ते (Manisha Gupte) ने समयोचित भाषण दिया। डॉ. हमिद दाभोलकर ने परिचयात्मक टिप्पणी से इस कार्यक्रम की शुरुआत की तथा मिलिंद देशमुख ने कार्यक्रम का संचालन किया। राहुल थोरात (Rahul Thorat) ने अतिथियों का परिचय कराया तथा नंदिनी जाधव ने आभार व्यक्त किए।
इस कार्यक्रम में सिरसा के पूर्व सरपंच ठाकुर शिवराम सिंह, अधिवक्ता लेखराज ढोट, महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिती के कार्यकर्ता दीपक गिरमे, मुक्ता दाभोलकर, सुभाष थोरात, राजीव देशपांडे, विश्वास पेंडसे, प्रशांत पोतदार आदि उपस्थित थे।