India Ground Report

Prayagraj : हाईकोर्ट का निर्देश, जमीन की जरूरत नहीं तो अधिगृहीत जमीन वापस करें या मुआवजा दें

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश-जमीन की जरूरत नहीं तो अधिगृहीत जमीन वापस करें या मुआवजा दें

आदेश का पालन नहीं तो क्यों न भारी हर्जाने सहित याचिका हो मंजूर

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि या तो जमीन अधिग्रहण निरस्त करे या याची को मुआवजे का चार हफ्ते में भुगतान करें। ऐसा न कर सके तो कारण बतायें कि भारी हर्जाना लगाते हुए याचिका मंजूर क्यों न की जाय। याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 4 जुलाई नियत की है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने बागपत के सतीष चंद्र जैन की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची का कहना है कि धारा 3 डी के अंतर्गत प्राधिकरण ने 5 फरवरी 19 को उसकी जमीन का अधिग्रहण किया और जमीन केंद्र सरकार में निहित हो गई किंतु कोई मुआवजा नहीं दिया गया।

कोर्ट ने एनएचआई से पूछा तो बताया गया कि अब उसे याची की अधिगृहीत ज़मीन की जरूरत नहीं है। इसलिए अवार्ड जारी नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने जानना चाहा कि जब अधिग्रहण आदेश के कारण जमीन केंद्र सरकार को दे दी गई तो मुआवजा देने से इंकार कैसे कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा धारा 3 डी की कार्यवाही निरस्त करे और जमीन वापस करे या याची को मुआवजा दे।

Exit mobile version