
Prayagraj: फाफामऊ में 16 और छतनाग में 27 सेमी बढ़ा गंगा का जलस्तर

जिलाधिकारी ने संभावित बाढ़ के मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूर्ण करने का दिया निर्देश
आलोक गुप्ता
Prayagraj: अन्य प्रांतों में हो रही बारिश का असर प्रयागराज में बहने वाली गंगा और यमुना में दिख रहा है। कानपुर में गंगा बैराज खोले जाने के बाद से यहां के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। गंगा और यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे के दरम्यान फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 16 सेमी बढ़ा है। जबकि छतनाग में गंगा का स्तर 27 सेमी ऊपर पाया गया है। नैनी में यमुना काभी जलस्तर 33 सेमी बढ़ा है। हालांकि दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से पांच मीटर नीचे बह रही हैं।
दोनों नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि के बाद से सिंचाई विभाग के बाढ़ कंट्रोल रूम ने निगरानी ब़ढ़ा दी है। एसडीआरएफ और जल पुलिस को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। बाढ़ चौकियां भी क्रियाशील कर दी गई हैं।दूसरी तरफ संभावित बाढ़ के मद्देनजर जिलाधिकारी ने तैयारियों की समीक्षा की। संगम सभागार में हुई बैठक में जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बरसात के समय आने वाली बाढ़ के दृष्टिगत सभी तैयारियां समय से पूर्ण किए जाने का निर्देश सभी विभागों को दिया।
जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर बाढ़ चैकियों को चिन्हित करने के लिए निर्देशित किया।जिलाधिकारी ने जलभराव, नालों की सफाई, सीवर की सफाई की समुचित व्यवस्था का निर्देश नगर निगम एवं जल संस्थान को दिया है। बाढ़ के समय स्लूज गेटों के बंद होने पर पानी की निकासी के लिए पंपों की क्रियाशीलता को चेक कराते रहने की हिदायत दी है।
इसके अलावा मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को पशुओं की दवाई, टीकाकरण, भूसा-चारा एवं पेयजल, बाढ़ से उत्पन्न होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था, ब्लीचिंग, फागिंग, कीटनाशक एवं एंटीलार्वा का छिड़काव की व्यवस्था दुरुस्त कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जहां पर डेंगू की आशंका हो, वहां पर विशेष ध्यान दिया जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ढीले एवं जर्जर तारों एवं जर्जर पोलों को पहले से ही ठीक करा लिया जाए। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व जगदंबा सिंह, सभी उपजिलाधिकारीगण मौजूद रहे।