
Pratapgarh : निगम की योजनाओं का लाभ उठा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाएं कदम

अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम कर रहा चार योजनाओं का संचालन, मांगे गए आवेदन
मनीष सिंह बिसेन
प्रतापगढ़ : जिला समाज कल्याण अधिकारी राजीव कुमार ने बताया है कि प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों के आर्थिक उत्थान के लिए अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों/परिवार जिनकी ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय रुपये 46080 एवं नगरीय क्षेत्र में वार्षिक आय रुपये 56460 तक हो, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने को निगम द्वारा चार योजनाएं क्रमशः पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना (स्वतः रोजगार योजना), नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण योजना, लांड्री एवं ड्राईक्लीनिंग योजना व सिलाई/टेलरिंग शॉप योजना संचालित की गई है।
सभी योजनाओं में आधार कार्ड, बैंक पासबुक, दो फोटो तथा तहसील स्तर से प्राप्त आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र आदि संलग्न करना आवश्यक है। संचालित योजनाओं के लिए आवेदन पत्र 10 जून तक जमा किया जा सकता है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना (स्वतः रोजगार योजना) के
बारे में बताया कि अनुसूचित जाति के पात्र व्यक्तियों को उद्योग/व्यवसाय संचालित करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से 20000 रुपये से लेकर 1500000 रुपये तक की योजनाएं स्वीकृत कराई जाती हैं जिसमें 10000 रुपये अनुदान के रूप में दिया जाता है। नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण योजना में ऐसे अनुसूचित जाति के पात्र परिवार, जिनके पास 13.32 वर्गमीटर व्यावसायिक स्थल पर भूमि उपलब्ध है, उन्हे स्वयं द्वारा दुकान निर्माण कराने के लिए दो किश्तों में (58500&19500) कुल 78000 रुपये उनके खाते में भुगतान किया जाता है। जिसमें 10000 रुपये अनुदान एवं 68000 रुपये बिना ब्याज का ऋण होता है, जिसकी अदायगी 120 मासिक किश्तों में करनी होती है।
इसी प्रकार लांडी एवं ड्राईक्लीनिंग योजना की लागत 216000 रुपये तथा 100000 रुपये है, जिसमें 10000 रुपये अनुदान है, अवशेष धनराशि की अदायगी 60 समान मासिक किश्तों में करनी होती है। सिलाई/टेलरिंग शॉप योजना के तहत अनुसूचित जाति के युवक/युवतियों के आर्थिक उत्थान के लिए निगम द्वारा सिलाई/टेलरिंग शॉप योजना में 20000 रुपये दिएजाते है, जिसमें 10000 अनुदान एवं 10000 रुपये बिना ब्याज का ऋण होता है।
समस्त योजनाओं में लाभ प्राप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के पात्र व्यक्ति अपने विकास खंड में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी (स0क0)/सहायक विकास अधिकारी (स0क0) अथवा बीडीओ से और नगरीय क्षेत्र के पात्र व्यक्ति कार्यालय जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास)/पदेन जिला प्रबंधक, अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड में किसी भी कार्य दिवस में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।