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New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने क्लैट परीक्षा परिणाम जारी करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

नई दिल्ली : (New Delhi) सुप्रीम कोर्ट ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (Common Law Admission Test) (क्लैट-2025) के परिणाम जारी करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने पांच वर्षीय एलएलबी में दाखिले के लिए हुई परीक्षा में पूछे गए कुछ प्रश्नों को गलत मानते हुए परीक्षा का आयोजन करने वाले कंसोर्टियम ऑफ लॉ यूनिवर्सिटीज को चार हफ्ते के अंदर दोबारा रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया था। जस्टिस बीआर गवई ने कंसोर्टियम ऑफ लॉ यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिया कि वे अपनी वेबसाइट में इस बात का जिक्र करें कि सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 अप्रैल को कंसोर्टियम ऑफ लॉ यूनिवर्सिटीज (Consortium of Law Universities) को निर्देश दिया था कि वे चार हफ्ते के अंदर दोबारा रिजल्ट जारी करें। इसी फैसले को कंसोर्टियम ऑफ लॉ यूनिवर्सिटीज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इससे पहले 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने देश के विभिन्न हाई कोर्ट में चल रहे सभी मामलों को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। सीएलएटी 2025 के दाखिले के लिए दिसंबर, 2024 में परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट, कर्नाटक हाई कोर्ट, झारखंड हाई कोर्ट, राजस्थान हाई कोर्ट, बॉम्बे हाई कोर्ट, मध्यप्रदेश हाई कोर्ट और पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में परीक्षार्थियों की ओर से याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिकाओं में कहा गया था कि परीक्षा में पूछे गए कई प्रश्न गलत थे।

हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने दिसंबर, 2024 में कहा था कि इस परीक्षा के दो उत्तर गलत थे। सिंगल बेंच ने कंसोर्टियम को निर्देश दिया था कि वे याचिकाकर्ताओं के परीक्षा परिणामों को दोबारा जारी करें। सिंगल बेंच के आदेश पर डिवीजन बेंच ने भी मुहर लगा दी थी।

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