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New Delhi : स्टॉक मार्केट में अमंता हेल्थकेयर की मजबूत एंट्री, फायदे में आईपीओ निवेशक

नई दिल्ली : (New Delhi) जेनरिक दवाएं और मेडिकल डिवाइसेज बनाने वाली कंपनी अमंता हेल्थकेयर (Amanta Healthcare) के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में मजबूत एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को खुश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 126 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग करीब 7 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 134 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 135 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद लिवाली के सपोर्ट से इस शेयर की चाल में और तेजी आ गई। सुबह 10:30 बजे तक का कारोबार होने के बाद कंपनी के शेयर 138 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इस तरह अभी तक के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 9.25 प्रतिशत का मुनाफा हो चुका है।

अमंता हेल्थकेयर का 126 करोड़ रुपये का आईपीओ 1 से 3 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से शानदार रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 82.60 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (qualified institutional buyers) (QIB) के लिए रिजर्व पोर्शन 35.86 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (non-institutional investors) (NII) के लिए रिजर्व पोर्शन में 209.40 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 54.96 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले एक करोड़ नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी नई मैन्युफैक्चरिंग लाइन का सेट अप करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 2.11 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 3.63 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 10.50 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 2 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 276.09 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी पर कर्ज लगातार कम होता गया। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 215.66 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में कम होकर 205.23 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 195 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो यह वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 36.05 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 39.46 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 67.56 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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