New Delhi : राबड़ी देवी की याचिका पर राउज एवेन्यू 10 दिसंबर को करेगा सुनवाई

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नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) के प्रिंसिपल एंड डिस्ट्रिक्ट जज ने दो घोटालों से जुड़े मामले में आरोपित बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (former Bihar Chief Minister Rabri Devi) की अपने और अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ लंबित केस को दूसरे जज के पास ट्रांसफर करने की मांग पर आज दोनों तरफ से आंशिक दलीलें सुनी। प्रिंसिपल एंड डिस्ट्रिक्ट जज दिनेश भट्ट (Principal and District Judge Dinesh Bhatt) ने 10 दिसंबर को भी सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान राबड़ी देवी के वकील ने कहा कि सुनवाई कर रहे विशाल गोगने प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं। वे 2026 में किसी भी तरह फैसला सुनाना चाहते हैं। उन्होंने जज विशाल गोगने पर आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने आरोप तय करते समय कोर्ट बुलाया था।

याचिका में राबड़ी देवी ने मामले की सुनवाई कर रहे जज विशाल गोगने (Vishal Gogane) से दूसरे जज के पास स्थानांतरित करने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जज विशाल गोगने उनके प्रति पक्षपाती हैं और पूर्व-नियोजित तरीके से मामले को आगे बढ़ा रहे हैं। राबड़ी देवी ने जज विशाल गोगने के पास लंबित चार मामलों को दूसरे जज के पास ट्रांसफर करने की मांग की है। राबड़ी देवी के खिलाफ विशाल गोगने के पास रेलवे टेंडर घोटाला और लैंड फॉर जॉब घोटाला के केस हैं। 13 अक्टूबर को जज विशाल गोगने ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले के आरोपियों लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिया है।

राबड़ी देवी की याचिका में कहा गया है कि जज विशाल गोगने उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक तय मानसिकता के साथ सुनवाई कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि मामलों की सुनवाई के दौरान ऐसा लगता है कि जज विशाल गोगने अभियोजन पक्ष की मदद कर रहे हैं। वे निष्पक्ष जज की तरह व्यवहार नहीं करते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ दर्ज चार मामलों के स्वतंत्र ट्रायल के लिए दूसरे जज के पास ट्रांसफर किया जाए।

कोर्ट ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले की सीबीआई के जुड़े केस में 13 अक्टूबर को लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट के पूछे जाने पर तीनों ने कहा कि वो निर्दोष हैं और ट्रायल का सामना करेंगे। उसके बाद कोर्ट ने तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 428, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया।

रेलवे टेंडर घोटाला मामले में 28 फरवरी को सीबीआई ने कहा था कि आरोपितों के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए पुख्ता सबूत हैं। 28 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने एक-एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। 19 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दर्ज केस में लालू यादव को नियमित जमानत दी थी।

कोर्ट ने 17 सितंबर, 2018 को ईडी की ओर से दायर चार्जशीट (charge sheet filed by the ED on September 17, 2018) पर संज्ञान लिया था। इस मामले में ईडी ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी, सरला गुप्ता, प्रेमचंद गुप्ता, गौरव गुप्ता, नाथ मल ककरानिया, राहुल यादव, विजय त्रिपाठी, देवकी नंदन तुलस्यान, मेसर्स सुजाता होटल, विनय कोचर, विजय कोचर, राजीव कुमार रेलान और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस प्राईवेट लिमिटेड आरोपित बनाया है।