नई दिल्ली : (New Delhi)आस्था के महासागर प्रयाग तीर्थ के संगम तट पर चल रहे महाकुंभ के विराट आयोजन में ऐसे तो तमाम विभागों और एजेंसियों ने अपनी-अपनी भूमिकाओं का निर्वाह किया लेकिन इसमें रेलवे की भूमिका निःसंदेह अग्रणी है। इस विशाल आयोजन में रेलवे ने जिस तरह पूरे देश भर से तीर्थयात्रियों को प्रयाग की पुण्यभूमि तक पहुंचने में मदद की, वह न सिर्फ अभूतपूर्व है बल्कि रेल संचालन की दृष्टि से कई मामलों में अनोखा रिकॉर्ड भी बना है।
हालांकि महाकुंभ अब समापन की ओर है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक करीब डेढ़ माह के इस आयोजन में 12 से 15 करोड़ तीर्थयात्रियों ने ट्रेन यात्रा का लाभ कहीं ना कहीं उठाया। दूसरे शब्दों में महाकुंभ के करीब एक चौथाई तीर्थयात्रियों ने प्रयागराज या अग़ल बग़ल के प्रमुख शहरों तक पहुंचने में ट्रेनों की ही मदद ली।
रेलवे के अनुसार इस बार प्रयागराज के महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के संकल्प को पूरा करने में रेलवे ने आगे बढ़कर भूमिका निभाई। यह बताने की जरूरत नहीं कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले अपने देश में रेलवे पर कितना दवाब है। ऐसे में महाकुंभ के आयोजन से बहुत पहले से ही रेलवे अपनी कार्ययोजना को मूर्त रूप देने में जुट गया था। इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्रियों की अनुमानित संख्या के हिसाब से ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई। साथ ही महाकुंभ को दौरान भीड़ बढ़ने की स्थिति में आपात योजना भी बनाई गई। आम दिनों में ट्रेनों में रहने वाली भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने इसके लिए विशेष उपायों को अपनाया। इसके तहत किसी एक रूट, ट्रेन या बड़े स्टेशन पर दवाब को हटाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए। तीर्थयात्रियों की संख्या और मांग के अनुरूप एक के बाद एक विशेष ट्रेनें चलाई गईं।
यह आंकड़ा थोड़ा विस्मित भी करता है कि महाकुंभ की शुरुआत से लेकर अब तक 13,667 ट्रेनें तीर्थयात्रियों को लेकर प्रयागराज और उसके अन्य स्टेशनों तक पहुंचीं। इनमें 3,468 विशेष ट्रेनों की शुरुआत कुंभ एरिया से हुई एवं 2008 ट्रेनें कुंभ एरिया में बाहर से आईं, बाक़ी 8,211 नियमित ट्रेनें थीं। शहर में प्रयागराज समेत कुल नौ स्टेशन हैं, जहां ट्रेनों का आवागमन हुआ। अकेले प्रयागराज स्टेशन पर ही पांच हजार ट्रेनों का लाभ श्रद्धालुओं को मिला ।
प्रयागराज एरिया के किस स्टेशन से कितनी ट्रेनों की सुविधा मिली ( इसमें कुछ ट्रेन्स कई स्टेशनों पर रुक कर श्रद्धालुओं को ले कर चलीं। इनमें प्रयागराज स्टेशन पर 5332 ट्रेन, नैनी स्टेशन पर 2017 ट्रेन, छिवकी स्टेशन पर 1993, सूबेदारगंज स्टेशन पर 4313 ट्रेन, झूंसी स्टेशन पर 1207, प्रयागराज-रामबाग स्टेशन पर 764, प्रयागराज जंक्शन पर 1326, प्रयागराज संगम स्टेशन पर 515 और फाफामऊ स्टेशन पर 1010 ट्रेन की सुविधा प्रदान की गई।
इसी तरह अगर राज्यवार कुंभ ट्रेनों के आंकड़ें देखें तो उत्तर प्रदेश से 6434 ट्रेनें, दिल्ली से 1343, बिहार से 1197, महाराष्ट्र से 740, पश्चिम बंगाल से 560, मध्य प्रदेश से 400, गुजरात से 310, राजस्थान से 250 और असम से 180 ट्रेनें चलाई गईं।