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New Delhi : मनी लांड्रिंग मामले में भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य काे सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं

नई दिल्ली : (New Delhi) उच्चतम न्यायालय (The Supreme Court) ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel and his son Chaitanya Baghel in the money laundering case)को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) की अध्यक्षता वाली बेंच ने उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि मामले की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर की जाए।

भूपेश बघेल और चैतन्य बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच, गिरफ्तारी और पूछताछ की वैधता को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने साफ कर दिया कि उन्हें व्यक्तिगत राहत की मांग पहले उच्च न्यायालय में करनी होगी। इस मामले में ईडी ने चैतन्य बघेल को मास्टरमाइंड बताया है।

ईडी के मुताबिक 2019-22 के बीच राज्य में 2100 करोड़ का (scam of Rs 2100 crore) घोटाला हुआ था। ईडी के मुताबिक इस घोटाले का पूरा पैसा चैतन्य ने ही मैनेज किया था। उन्होंने 16.7 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपनी रियल इस्टेट प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट के लिए किया था।

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