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New Delhi : कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए पोश अधिनियम लागू करना समय की जरूरत: मालीवाल

नयी दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि देश में कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए यौन उत्पीड़न निषेध (पोश) अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए क्योंकि यह आज के समय की जरूरत है।

वह यहां कौशल विकास और प्रशिक्षण (सीएसडीटी) पहल के केंद्र ‘नो मीन्स नो’ की ओर से आयोजित ‘पोश कॉन्क्लेव’ में बोल रही थीं। सम्मेलन का उद्घाटन अधिवक्ता पिंकी आनंद ने किया।

मालीवाल ने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने और यौन उत्पीड़न रोकने के लिए पोश अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करना बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि देश भर की कंपनियों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए पोश कानून को प्रभावी ढंग से लागू करना ही होगा।

गौरतलब है कि देश में कार्यस्थलों पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिए 2013 में पोश अधिनियम बनाया गया था।

मालीवाल ने कहा कि यौन उत्पीड़न अभी भी ऐसा विषय माना जाता है, जिसकी चर्चा समाज में खुले रूप में नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामलों की अधिकतर महिलाएं शिकायत दर्ज नहीं करातीं, इसलिए संस्थानों को इस तरह की घटनाओं पर रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने चाहिए और महिलाओं को इससे निपटने का प्रशिक्षण देना चाहिए।

‘नो मीन्स नो’ के संस्थापक विशाल भसीन ने यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम लगाने के प्रति जागरूकता बढ़ने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि अब ज्यादा से ज्यादा संस्थान यह समझने लगे हैं कि यौन उत्पीड़न एक गंभीर मुद्दा है और दफ्तरों या कार्यस्थल पर इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने की जरूरत है।

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