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New Delhi : मुंबई की हवाई यात्रा की कहानी को नए सिरे से लिखने को नवी मुंबई एयरपोर्ट तैयार

ये 8 अक्टूबर से शुरू होगा, प्रधानमंत्री दिखाएंगे हरी झंडी, जानिए क्‍या है इसमें खास
नई दिल्‍ली : (New Delhi)
देश की आर्थिक राजधानी स्थित नवी मुंबई अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा (एनएमआईए), (Navi Mumbai International Airport) जो मुंबई का दूसरा एयरपोर्ट भी है। आखिरकार वर्षों की प्रतीक्षा के बाद 8 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खुल जाएगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) करेंगे। इसका विकास नवी मुंबई अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (एनएमआईएएल) द्वारा किया गया है, जो एक संयुक्त उद्यम है।

एनएमआईए में अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स की 74 फीसदी और सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (City and Industrial Development Corporation) (सिडको) की 26 फीसदी हिस्सेदारी है। यह परियोजना डीबीएफओटी मॉडल (डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन, हस्तांतरण) पर आधारित है, जिससे ये सुनिश्चित होता है कि निर्माण और संचालन का अधिकांश भाग निजी निवेश द्वारा संचालित हो।

नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (एनएमआईए)

नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा प्राइवेट लिमिटेड (एनएमआईए) एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) है, जिसे नवी मुंबई महाराष्ट्र में ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट परियोजना के डिजाइन, निर्माण, संचालन, रखरखाव और विस्तार के लिए गठित किया गया है। यह एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर आधारित परियोजना है। इसका उद्देश्य मुंबई महानगरीय क्षेत्र और पश्चिम भारत में बढ़ती हवाई यातायात मांग को पूरा करते हुए भारत की वैश्विक कनेक्टिविटी को सशक्त बनाना है।

टर्मिनल की डिजाइन और क्षमता

नवी मुंबई एयरपोर्ट नवी मुंबई में स्थित (Navi Mumbai Airport is located in Navi Mumbai) है, जो दक्षिण मुंबई से लगभग 37 किलोमीटर दूर है। इस हवाई अड्डे का डिजाइन कमल के फूल से प्रेरित है, जिसमें ऊंची छतें, कांच के अग्रभाग और प्रचुर प्राकृतिक प्रकाश है। एनएमआईए में दो समानांतर ‘कोड F’ रनवे (NMIA will have two parallel ‘Code F’ runways) (3,700 मीटर लंबे और 60 मीटर चौड़े) होंगे। कुल परियोजना क्षेत्र 1,160 हेक्टेयर (करीब 2,866 एकड़) है।

इसके पहले चरण में सालाना 1 करोड़ से 2 करोड़ यात्रियों की क्षमता होगी, और बाद के चरणों में क्षमता बढ़कर 6 करोड़ से 9 करोड़ प्रति वर्ष हो जाने की उम्मीद है। पहले चरण में एकीकृत टर्मिनल बनाया जा रहा है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानों के लिए होगा। चार चरणों में टर्मिनलों का विस्तार किया जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक टर्मिनल 1 का क्षेत्रफल 2.34 लाख वर्गमीटर होगा। इसमें 66 चेक-इन काउंटर, 22 सेल्फ-बैगेज ड्रॉप पॉइंट, 29 एरोब्रिज और 10 बस बोर्डिंग गेट होंगे। एनएमआईए का कार्गो टर्मिनल पूरी तरह स्वचालित होगा, जिसकी क्षमता 5 लाख मीट्रिक टन वार्षिक (प्रारंभिक चरण) और 32 लाख मीट्रिक टन (अंतिम चरण) होगी। इसमें तापमान नियंत्रित फार्मा जोन, खतरनाक माल के लिए विशेष सुरक्षा क्षेत्र, एक्सप्रेस कार्गो ज़ोन और लाइव एनिमल मैनेजमेंट की सुविधाएं होंगी।

यह तकनीकी दृष्टि से ‘5-जी कनेक्टेड एयरपोर्ट’

तकनीकी दृष्टि से यह ‘5-जी कनेक्टेड एयरपोर्ट’ होगा (It will be a technologically ‘5G Connected Airport), जिसमें डेटा-ड्रिवन टर्नअराउंड टाइम, डिगि यात्रा आधारित बिना संपर्क प्रक्रिया, स्वचालित बैगेज हैंडलिंग, आईओटी आधारित रियल टाइम मॉनिटरिंग और एडवांस साइबर सुरक्षा शामिल होगी। यात्रियों के लिए वाई-फाई, बैगेज ट्रैकिंग, प्राणाम सर्विस, किड्स ज़ोन, डिजिटल आर्ट प्रोग्राम और 80 कमरों का डे होटल जैसी सुविधाएं होंगी।

इसकी वास्तुकला भारतीय राष्ट्रीय पुष्प “कमल” से प्रेरित

एनएमआईए की वास्तुकला भारतीय राष्ट्रीय पुष्प “कमल” से प्रेरित (NMIA’s architecture is inspired by the Indian national flower)है। टर्मिनल की छतें 12 सजावटी स्तंभों पर आधारित हैं, जो खिलते हुए कमल की पंखुड़ियों जैसी आकृति बनाते हैं। पर्यावरणीय दृष्टि से यह एक ग्रीन एयरपोर्ट होगा। इसके अंतिम चरण में 47 मेगावाट सोलर पावर जेनरेशन, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, लो-फ्लो वाटर फिक्स्चर, वेस्टवॉटर रीयूज सिस्टम, इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग और ऊर्जा दक्ष निर्माण पद्धतियों को अपनाया गया है। इसके साथ ही भविष्य में ‘ऑटोमेटेड पीपल मूवर्स’ (एपीएम) का उपयोग भी किया जाएगा जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।

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