नई दिल्ली : (New Delhi) हर साल 6 अप्रैल को मनाए जाने वाले ‘विकास और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय खेल दिवस’ (‘International Sports Day for Development and Peace’) के अवसर पर भारतीय हॉकी सितारे वैश्विक #व्हाइटकार्ड अभियान में शामिल हुए और खेल के माध्यम से शांति आंदोलन के लिए एकजुटता दिखाई। खेल में अन्य कार्डों की तरह व्हाइट कार्ड भी शक्तिशाली प्रतीकवाद रखता है लेकिन दंडात्मक कार्डों के विपरीत, व्हाइट कार्ड शांति, समावेश और आशा का प्रतीक है।
हॉकी इंडिया के अनुसार इस वर्ष का अभियान एक गंभीर वैश्विक मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करता है-460 मिलियन बच्चे संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं, जो खेल के मैदान जैसे सुरक्षित स्थानों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच से वंचित हैं। इन चुनौतीपूर्ण वातावरणों में, खेल सिर्फ एक खेल से कहीं अधिक हो बन जाता है, यह एक जीवन रेखा बन जाता है, जो सहयोग, आपसी सम्मान और लचीलेपन जैसे कौशल का पोषण करता है।
भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों ने इस अवसर को चिह्नित करने के लिए विशेष संदेश साझा किए। भारतीय महिला हॉकी टीम की अनुभवी फॉरवर्ड लालरेम्सियामी ने हॉकी इंडिया की ओर से बयान में कहा कि खेल में बाधाओं को तोड़ने और लोगों को एकजुट करने की शक्ति है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या भाषा कुछ भी हो। #व्हाइटकार्ड अभियान उन मूल्यों को दर्शाता है जिनके अनुसार हम मैदान पर और मैदान के बाहर जीते हैं- सम्मान, टीमवर्क और शांति। मुझे अपना व्हाइटकार्ड उठाने और हर जगह बच्चों के लिए एक अधिक समावेशी और सुरक्षित दुनिया का आह्वान करने में गर्व है।
भारतीय टीम की गोलकीपर सविता ने कहा, “मैंने खुद देखा है कि खेल किस तरह से जीवन को बदल देता है। इसने मुझे आत्मविश्वास और उद्देश्य दिया और यह संघर्ष क्षेत्रों में बच्चों के लिए भी ऐसा ही कर सकता है। #व्हाइटकार्ड अभियान में शामिल होकर, हम इस संदेश को और अधिक फैलाने की उम्मीद करते हैं कि हर बच्चे को खेलने, सीखने और शांति से बढ़ने के लिए एक सुरक्षित स्थान मिलना चाहिए।”
टीम की उभरती हुई स्टार और ड्रैगफ्लिकर दीपिका ने कहा, “हॉकी के मैदान ने मुझे अनुशासन, साहस और सम्मान सिखाया। खेल सिर्फ़ पदक जीतने के बारे में नहीं है, यह चरित्र और समुदायों के निर्माण के बारे में है। यह #व्हाइटकार्ड अभियान शांति और अगली पीढ़ी के लिए एक उज्ज्वल भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”