India Ground Report

New Delhi / Hyderabad : अल्लूरि सीताराम राजू का संघर्ष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का गौरवशाली अध्याय : राष्ट्रपति

नई दिल्ली/हैदराबाद : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि अन्याय और शोषण के खिलाफ अल्लूरि सीताराम राजू का संघर्ष तथा केवल 27 वर्ष की आयु में उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक गौरवशाली अध्याय है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों, विशेषकर युवा पीढ़ी को उनकी देशभक्ति और साहस से अवगत होना चाहिए।

राष्ट्रपति ने हैदराबाद में अल्लूरि सीताराम राजू के 125वें जन्मोत्सव वर्ष के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अल्लूरि सीताराम राजू का जीवन चरित्र, जाति और वर्ग पर आधारित भेदभाव से मुक्त रहकर पूरे समाज और देश को एकजुट करने की मिसाल है। उन्होंने कहा कि अल्लूरि सीताराम राजू को जनजातीय समाज ने पूरी तरह से अपना लिया था और उन्होंने जनजातीय समाज के सुख-दुख को अपना सुख-दुख बना लिया था। उन्हें एक आदिवासी योद्धा के रूप में याद किया जा रहा है और यही उनकी असली पहचान है। वे अपनी शहादत तक आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए लड़ते रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी की विरासत को याद रखना हम सभी का कर्तव्य है।

उन्होंने बुद्धिजीवियों, विशेषकर समाजशास्त्रियों और इतिहासकारों से सभी नागरिकों, विशेषकर युवा पीढ़ी के बीच अल्लूरि सीताराम राजू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रयास करने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के वंचित वर्गों के हित में निस्वार्थ भाव से निर्भीक होकर संघर्ष करना अल्लूरि सीताराम राजू के जीवन का संदेश है। उन्होंने कहा कि हम उनके आदर्शों और संदेश को अपने आचरण में ढालने का संकल्प लेकर ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। उन्होंने सभी से समाज और देश के हित में अल्लूरि सीताराम राजू के मूल्यों और आदर्शों को अपनाने का आग्रह किया।

Exit mobile version