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New Delhi : नौकरी से निकाला तो कंपनी के ही 50 लाख रुपये लूटे, चचेरे भाई समेत चार गिरफ्तार

नई दिल्ली : बाहरी उत्तरी जिले के अलीपुर इलाके में कलेक्शन एजेंट और उसके साथी पर जानलेवा हमला करके 50 लाख रुपये लूटने वाले चचेरे भाइयों समेत चार बदमाशों को स्पेशल स्टॉफ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान राजस्थान के रहने वाले सुभाष, दिनेश जाखड़, संतोष और अभिमन्यु के रूप में हुई। आरोपितों के कब्जे से लूटी गई पूरी रकम बरामद की गई है। संतोष और सुभाष चचेरे भाई हैं जबकि रकम की जानकारी कंपनी के कर्मचारी अभिमन्यु ने दी थी।

डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि बीते 14 जून को अलीपुर पुलिस को होली चौक की एक गली में झगड़ा होने की पीसीआर कॉल मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची। घायल मुकेश कुमार युवक को पीसीआर वैन द्वारा पहले ही राजा हरिश्चंद्र अस्पताल उपचार के लिए भेज दिया गया था। अस्पताल पहुंचने पर शिकायतकर्ता मुकेश ने पुलिस को बताया कि वह एसएस ट्रेडर्स चांदनी चौक में नौकरी करता है। वह दिल्ली के विभिन्न स्थानों से रकम इकट्ठा करता था। वारदात के वक्त वह अपने सहयोगी अभिमन्यु के साथ मालिक के कहने पर 50 लाख रुपये इकट्ठा करने के लिए महेंद्र फाइनेंस कार्यालय अलीपुर आया था।

दो बैगों में 50 लाख रुपये रखकर करीब साढ़े चार बजे जब ऑफिस से निकलकर होली चौक, बड़ा शिव मंदिर, अलीपुर के पास एक संकरी गली में पहुंचे। दो लडक़े पीछे से आए और बैग लूटने की कोशिश करने लगे। विरोध करने पर बदमाशों ने उनकी बुरी तरह से पिटाई की और बैग लूटकर फरार हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज किया। अलीपुर और स्पेशल स्टॉफ को आरोपितों को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया। पुलिस टीम ने सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों को खंगाला और अलीपुर और उसके आसपास के इलाके में इस तरह से वारदात करने वालों का रिकॉर्ड खंगाला। इसके अलावा पुलिस टीम ने दोनों कंपनियों के कर्मचारी और पूर्व कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की, जिनके बारे में एक-एक करके जांच की। इस दौरान अभिमन्यु पर शक हुआ।

पूछताछ के दौरान पता चला कि उसने अपने एक साथी संतोष को 50 लाख रुपये की जानकारी दी थी। संतोष एसएस ट्रेडर्स का पूर्व कर्मचारी था। एक सप्ताह पहले ही संतोष को नौकरी से निकाल दिया था। नौकरी खोने के बाद आरोपित संतोष मालिक संपत शर्मा से बदला लेना चाहता था और उसे आर्थिक नुकसान पहुंचाने का भी इरादा रखता था। उसने अपने चचेरे भाई सुभाष को शामिल किया। आरोपित सुभाष ने जानकार दिनेश जाखड़ को भी शामिल किया। वारदात को अंजाम देने के बाद चारों बीकानेर राजस्थान भाग गए थे। अभिमन्यु की निशानदेही पर उसके बाकी साथियों को राजस्थान से पकड़ लिया।

आरोपितों से पूछताछ करने पर पता चला कि जब संतोष को उसके मालिक ने निकाल दिया था तो संतोष ने ही अभिमन्यु से कहा था कि जब भी मोटी रकम लेने जाए तो उसको बता देना। 12 जून को आरोपित अभिमन्यु ने संतोष को अलीपुर से मोटी रकम वसूलने की जानकारी दी। अभिमन्यु से सूचना मिलने पर आरोपित संतोष ने सुभाष और दिनेश को फोन किया और तुरंत दिल्ली पहुंचने को कहा। 13 को तीनों दिल्ली आकर सिविल लाइन स्थित एक धर्मशाला में रुके थे।

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