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New Delhi : चुनाव आयोग ने फिर खारिज किए राहुल के दावे, बताया सिर्फ सनसनी फैलाने की कोशिश

नई दिल्ली : (New Delhi) चुनाव आयोग का कहना है कि राहुल गांधी (Election Commission says that Rahul Gandhi) के हाल के आरोप पहले ही नकारे और कानूनी रूप से खारिज किए जा चुके हैं। वे 2018 में उठाए गए मुद्दों को दोबारा उठाकर सनसनी फैलाना चाहते हैं। आयोग का कहना है कि कानून में आपत्तियाँ दर्ज करने और अपील करने की स्पष्ट प्रक्रिया है। इसके स्थान पर राहुल गांधी ने मीडिया के माध्यम से निराधार दावे करके मुद्दे को सनसनीखेज बनाने की कोशिश करते हैं। जब कानून किसी कार्य को एक विशेष प्रक्रिया से करने की अपेक्षा करता है, तो उसी प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। यदि राहुल गांधी को अपनी बातों पर विश्वास है, तो उन्हें कानून का सम्मान करते हुए घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने चाहिए या फिर देश से माफ़ी मांगनी चाहिए।

चुनाव आयोग (Election Commission) के अनुसार 2018 में मध्य प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष कमल नाथ ने सुप्रीम कोर्ट में निर्वाचन सूची में गड़बड़ियों को लेकर याचिका दायर की थी। उस समय कुछ वेबसाइटों के आधार पर दावा किया गया कि एक ही चेहरा कई मतदाताओं के रूप में दिखाया गया है। वास्तविकता यह थी कि संबंधित त्रुटियों को चार महीने पूर्व ही ठीक कर दिया गया था और इसकी प्रति भी पार्टी को उपलब्ध कराई गई थी। उस याचिका में मतदाता सूची की सर्चेबल पीडीएफ मांगने की कोशिश की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

चुनाव आयोग का कहना है कि अब एक बार फिर 2025 में उन्हें पता है कि कोर्ट में यह तरीका नहीं चलेगा तो वे इन्हीं मुद्दों को मीडिया के जरिए उठा रहे हैं। लोगों को गुमराह करने के लिए यह दावा किया गया कि एक ही नाम अलग-अलग स्थानों पर दर्ज है। उदाहरण के तौर पर, आदित्य श्रीवास्तव नाम तीन राज्यों में दर्ज होने का आरोप लगाया गया, जबकि यह त्रुटि महीनों पहले सुधार दी गई थी।

आयोग का कहना है कि कमल नाथ मामले (Kamal Nath case) में सुप्रीम कोर्ट ने मशीन-रीडेबल दस्तावेज़ पर स्पष्ट निर्णय दे दिया था और बार-बार उन्हीं मुद्दों को उठाना सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के प्रति राहुल गांधी का अनादर को दर्शाता है।

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