नई दिल्ली:(New Delhi) सुप्रीम कोर्ट दिल्ली नगर निगम (Supreme Court Delhi Municipal Corporation) में उप राज्यपाल की ओर से एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) के मनोनयन के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर गुरुवार (17 मई) को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कल विस्तार से मामला सुना जाएगा।
सुनवाई के दौरान उप राज्यपाल ने कहा कि दिल्ली के प्रशासनिक काम में उन्हें दिल्ली सरकार की सलाह-सहायता से काम करना होता है, लेकिन नगर निगम में पार्षदों का मनोनयन इस दायरे में नहीं आता है।
दस अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले में जवाब देने के लिए उप राज्यपाल कार्यालय को एक हफ्ते का समय दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि उप राज्यपाल बिना मंत्रिमंडल की सलाह के कोई फैसला कैसे कर सकते हैं। तब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली सरकार अधिनियम में 2019 में बदलाव के आधार पर एल्डरमैन की नियुक्ति की गई है।
अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि पार्षद मनोनीत करना दिल्ली सरकार का अधिकार है, इसके बावजूद लोकतंत्र का अपमान किया जा रहा है। पार्टी बहुमत से जीतकर आती है और उसे पलटने की कोशिश हो रही है।