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New Delhi : सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023 राज्य सभा से पारित

नई दिल्ली: (New Delhi) राज्यसभा ने गुरुवार को सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023 पारित कर दिया। सिनेमैटोग्राफ (चलचित्र) संशोधन विधेयक का उद्देश्य फिल्म पायरेसी को रोकने और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा दिए गए आयु-आधारित प्रमाणन में सुधार के साथ-साथ सभी प्लेटफार्मों पर फिल्मों और सामग्री के वर्गीकरण में एकरूपता लाना है।

गुरुवार को राज्यसभा में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सदन के पटल पर सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023 पर विचार करने और पारित करने के लिए पेश किया था। सदन में इस विधेयक पर चर्चा के बाद बयान देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस विधेयक का पारित होना बहुत महत्वपूर्ण है। फिल्म जगत से जुड़े सभी लोगों के अधिकारों को संरक्षण देने वाला और उनके हितों की रक्षा करने वाला विधेयक है।

उन्होंने कहा कि सिनेमौटोग्राफी संशोधन विधेयक 2023 के लिए बहुत लंबा समय लगा, साल 1952 के बाद 1981 में एक बड़ा संशोधन हुआ था और अब चार दशक का समय लगा लेकिन इस दौरान भारतीय सिनेमा में बहुत कुछ बदला है। इन सालों में फिल्मों को बनाने का तरीके से लेकर इसे पाइरेसी के माध्यम से चुराने तक के तरीके में बदलाव हुआ है। इंटरनेट के माध्यम से पाइरेटेड फिल्में कुछ सेकंड में लाखों जगह भेजी जा सकती हैं, जिससे फिल्म बनाने वाले की मेहनत पर पानी फिर जाता है। यह विधेयक पायरेसी के कारण फिल्म को होने वाले नुकसान से बचायेगा। पायरेसी के कारण फिल्म उद्योग को काफी नुकसान होता है। यह विधेयक सिनेमैटोग्राफी अधिनियम 1952 को संशोधित करेगा।

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