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New Delhi: सीबीआई ने नासिक के एक रिज़ार्ट में चल रहे साइबर ठग गिरोह का किया भंडाफोड़,5 लोग गिरफ्तार

नई दिल्ली : (New Delhi) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार (The Central Bureau of Investigation) को नासिक के इगतपुरी में चल रहे एक बड़े साइबर ठग गिरोह का (cyber fraud gang operating in Igatpuri, Nashik)भंडाफोड़ किया है। सबीआई ने गिरोह से जुड़े 5 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है। छामेमारी के दौरान ठगी में इस्तेमाल होने वाले कई सामान और नकदी भी बरामद की गयी है।

सीबीआई ने जिस ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, वह रेनफॉरेस्ट रिज़ॉर्ट (Rainforest Resort) में किराए के एक परिसर से अवैध कॉल सेंटर चला रहा था, जहां से अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों के लोगों को फोन कर ठगा जाता था। सीबीआई ने इस मामले में मुंबई के छह लोगों और कुछ अज्ञात व्यक्तियों व बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर खुद को अमेज़न सपोर्ट सर्विसेज का कर्मचारी बताकर फिशिंग और झूठी कॉल्स के जरिए विदेशी नागरिकों से पैसों की ठगी की है।

सीबीआई के मुताबिक कॉल सेंटर में 62 कर्मचारी लाइव कॉल पर विदेशी नागरिकों को धोखा दे रहे थे। मौके पर ही पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, जिनके नाम विशाल यादव, शेबाज़, दुर्गेश, अभय राज उर्फ राजा और समीर उर्फ कालिया उर्फ सोहेल (Vishal Yadav, Shebaz, Durgesh, Abhay Raj alias Raja and Sameer alias Kalia alias Sohail) हैं। इनसे पूछताछ जारी है और बाकी लोगों की तलाश हो रही है।

सीबीआई की कार्रवाई के दौरान कॉल सेंटर में करीब 60 लोग काम कर रहे थे, जिनमें कॉल करने वाले (डायलर), जानकारी जांचने वाले (वेरिफायर) और सौदा पक्का करने वाले (क्लोजर) शामिल थे। ठगी से मिले पैसे गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी के रूप (gift cards and cryptocurrency)में लिए जाते थे, ताकि उनका पता किसी को न चल सके।

सीबीआई की छापेमारी में 44 लैपटॉप, 71 मोबाइल फोन, कई डिजिटल सबूत, 1.20 करोड़ रुपये नकद, 500 ग्राम सोना और करीब एक करोड़ रुपये की सात लक्ज़री कारें बरामद की गयी हैं। जांच में 5000 यूएसडीटी क्रिप्टोकरेंसी (लगभग 5 लाख रुपये) और 2000 कनाडाई डॉलर के गिफ्ट वाउचर (लगभग 1.26 लाख रुपये) के लेनदेन का भी पता चला।

सीबीआई का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से विदेशों में बैठे लोगों को निशाना बना रहा था और हाई-टेक तरीके से ठगी कर रहा था। आगे की जांच में इस रैकेट से जुड़े बाकी लोगों, बैंकिंग लेन-देन और नेटवर्क का पता लगाया जाएगा।

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