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New Delhi : राघव चड्ढा के सरकारी आवास आवंटन का मामला, कोर्ट ने हाउस कमेटी के आदेश पर रोक का फैसला वापस लिया

नई दिल्ली : दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य राघव चड्डा के सरकारी आवास के आवंटन को रद्द करने के राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी के आदेश पर रोक लगाने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज सुधांशु कौशिक ने कहा कि राघव चड्डा को बंगले पर निहित अधिकार नहीं है और एक सांसद होने के नाते उन्हें सुविधा दी गई है।

कोर्ट ने कहा कि सरकारी बंगले का आवंटन एक राज्यसभा सदस्य के पूरे कार्यकाल के दौरान एक सुविधा है और वो अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जब बंगले का आवंटन रद्द कर दिया गया तो वे इस बंगले पर अपना अधिकार नहीं जता सकते।

बतादें कि 2 जून को कोर्ट ने राघव चड्डा के सरकारी आवास के आवंटन को रद्द करने के राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी के आदेश पर रोक लगा दी था। इस आदेश को चुनौती देते हुए राज्यसभा सचिवालय ने इस आदेश को वापस लेने की मांग की।

सुनवाई के दौरान राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि राघव चड्ढा जो राहत वह मांग रहे हैं वह सही नहीं है। राज्यसभा सचिवालय ने कहा था कि आवास और भत्ते का आवंटन नियमों के मुताबिक किया जाता है। इसके लिए गठित समिति ने जो बंगला उन्हें आवंटित किया था वह उसके पात्र नहीं थे जिसकी वजह से बाद में उस बंगले को वापस ले लिया गया। राज्यसभा सचिवालय की ओर से कहा गया था कि राज्यसभा सांसद होने के नाते चड्डा को टाइप 6 बंगला आवंटित किया जाना चाहिए था जबकि उन्हें टाइप 7 का बंगला आवंटित कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान राघव चड्डा की ओर से कहा गया था कि उन्हें परेशान करने की नीयत से आवंटित किए गए बंगले को बिना किसी कारण बताए ही रद्द कर दिया गया।

दरअसल, राज्यसभा सचिवालय की ओर से राघव चड्ढा को सबसे पहले नई दिल्ली में टाइप 7 बंगला आवंटित किया गया था जो कि आमतौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री होते हैं, वह बंगला उनको दिया जाता है। इसके बाद राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी ने उनको दूसरा नया बंगला उनकी सांसद कैटेगरी के अनुसार टाइप 6 आवंटित किया। जिसमें वह अपने परिवार के साथ रह रहे थे। अब उनके सरकारी आवास का आवंटन टाइप 5 का पात्र होने के चलते एक बार फिर से उसको रद्द कर दिया गया। जिससे खिलाफ राघव चड्डा ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

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