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New Delhi : आयुष मंत्रालय वैश्विक शिखर सम्मेलन ‘योग कनेक्ट’ की करेगा मेजबानी

नई दिल्ली : (New Delhi) 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (11th International Yoga Day) के मुख्य कार्यक्रम के रूप में शनिवार को आयुष मंत्रालय विज्ञान भवन में हाइब्रिड रूप से वैश्विक शिखर सम्मेलन ‘योग कनेक्ट’ (‘Yoga Connect’) की मेजबानी करेगा। इस शिखर सम्मेलन में भारत और विदेश दोनों से योग गुरुओं, नीति निर्माताओं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, व्यापारिक नेताओं, शोधकर्ताओं और वैश्विक प्रभावशाली लोगों का एक प्रतिष्ठित समूह एक साथ आएगा। इस कार्यक्रम का समन्वय योग और प्राकृतिक चिकित्सा में अनुसंधान के लिए केंद्रीय परिषद द्वारा किया जा रहा है, जो योग के क्षेत्र में शीर्ष शोध निकाय है।

‘योग कनेक्ट’ एक हाइब्रिड प्रारूप में होगा, जिसमें 1,000 से अधिक व्यक्तिगत प्रतिभागियों के साथ-साथ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय योग संस्थानों और कल्याण समुदायों के आभासी उपस्थितगण शामिल होंगे। बहरीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और दक्षिण कोरिया सहित चार से अधिक देशों के विशेषज्ञ इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।

आयुष मंत्रालय (AYUSH Ministry) ने शुक्रवार को बताया कि शिखर सम्मेलन में ‘योग प्रभाव’ रिपोर्ट का विमोचन होगा जिसमें पिछले एक दशक में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रभाव का आकलन करने वाला एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन शामिल होगा। यह रिपोर्ट शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी, क्योंकि यह देशभर में आईडीवाई पहलों की पहुंच, प्रभावशीलता और परिवर्तनकारी प्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान करेगी। इसके अलावा इस मौके पर देशी भारतीय वृक्षों के महत्व और उनकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालने वाली एक पुस्तिका जारी की जाएगी।

इस सम्मेलन में विभिन्न विषयगत सत्र शामिल होंगे जिनमें

गैर-संचारी रोगों की रोकथाम के लिए योग

सामान्य योग प्रोटोकॉल पर अध्ययन,

जीवन के विभिन्न चरणों में योग, महिला स्वास्थ्य के लिए योग शामिल है। इस कार्यक्रम में स्वामी बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, एचआर नागेंद्रजी, परम पावन बिक्खू संघसेना और भारत भूषण शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि ‘योग कनेक्ट’ भारत के वैश्विक योग आंदोलन के दस साल पूरे होने का प्रतीक है, जिसकी शुरुआत 2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किए जाने के साथ हुई थी। योग को यूनेस्को द्वारा भी विश्व को भारत का उपहार माना गया है।

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