New Delhi : लाल किला ब्लास्ट मामले में आमिर राशिद की एनआईए हिरासत सात दिन बढ़ी

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नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने लालकिला ब्लास्ट मामले (Red Fort blast case)में आरोपित आमिर रशीद अली की एनआईए हिरासत सात दिनों के और लिए बढ़ा दिया है। प्रिंसिपल एंड डिस्ट्रिक्ट जज अंजु बजाज चांदना (Principal and District Judge Anju Bajaj Chandana) ने एनआईए हिरासत बढ़ाने का आदेश दिया।

आमिर रशीद अली की एनआईए हिरासत 9 दिसंबर (expire on December 9th) काे खत्म हो रही थी, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया था। आरोपित आमिर रशीद अली को एनआईए ने 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एनआईए ने अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

आरोपित आमिर रशीद अली (Aamir Rashid Ali) को एनआईए ने 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था। लालकिला पर ब्लास्ट के मामले में एनआईए की ओर से आमिर की पहली गिरफ्तारी थी। आमिर रशीद अली पर आरोप है कि उसने मुख्य आरोपित उमर को कार लाने में मदद की। लालकिला के पास बीते 10 नवंबर को आई10 कार में ब्लास्ट हुआ था। ये कार आमिर रशीद अली के नाम पर थी। इस ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हुई थी और 32 घायल हो गए थे।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 नवंबर को लालकिला ब्लास्ट मामले के आरोपित और आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी के(Dr. Umar Nabi) सहयोगी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को दस दिनों की एनआईए हिरासत में भेजा था। एनआईए ने दानिश को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था। एनआईए के मुताबिक दानिश ने ड्रोन में तकनीकी बदलाव किए और कार बम विस्फोट से पहले रॉकेट तैयार करने की कोशिश की।

एनआईए के मुताबिक दानिश उसने उमर उन नबी के साथ मिलकर पूरी साजिश को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई। एनआईए के मुताबिक राजनीति विज्ञान में स्नातक दानिश को आत्मघाती हमलावर बनाने के लिए उमर ने ब्रेनवाश किया। वह अक्टूबर, 2024 में कुलगाम की एक मस्जिद में डॉक्टर मॉड्यूल से मिलने को तैयार हुआ, जहां से उसे हरियाणा के फरीदाबाद में अल फलाह विश्वविद्यालय में रहने के लिए ले जाया गया।

दानिश को पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में लिया था और पूछताछ में उसने खुलासा किया था कि मॉड्यूल के अन्य लोग उसे प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के लिए ओवर-ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) बनाना चाहते थे, जबकि उमर कई महीनों से उसका ब्रेनवॉश कर आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार कर रहा था। एनआईए के मुताबिक उमर की यह कोशिश इस साल अप्रैल में उस समय नाकाम हो गई जब दानिश ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति और इस्लाम में आत्महत्या को गलत मानने का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया था।