आरबीआई सहित कई एजेंसियां जांच में जुटीं
नैनीताल बैंक में कड़ी सतर्कता
नैनीताल : (Nainital) नोएडा के सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक (Nainital Bank located in Sector-62, Noida) के आरटीजीएस यानी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट चैनल में सेंधमारी कर 16 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि साइबर ठगी के माध्यम से निकाले जाने की बड़ी घटना सामने आयी है। आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक से लेकर सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम भी इस मामले की जांच कर रही है। नैनीताल बैंक में भी मुख्यालय स्तर से इस मामले में कड़ी सतर्कता बरती जा रही है। इसके फलस्वरूप नैनीताल बैंक से विभिन्न बैंकों के खातों में भेजे गये करीब 70 लाख रुपये संबंधित बैंकों ने फ्रीज कर वापस भी कर दिये हैं।
जानकारी के अनुसार पिछले माह 17 से 21 जून के बीच नोएडा के सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक के सिस्टम सर्वर को हैक कर विभिन्न खातों में 16 करोड़ एक लाख 83 हजार 261 रुपये की धनराशि साइबर ठगी कर स्थानांतरित की गयी। साथ ही आरटीजीएस के माध्यम से भी रुपये कई बैंकों के खातों में स्थानांतरित किये गये। बैंक द्वारा कई दिनों तक बैलेंस सीट का मिलान सही ना हो पाने के बाद मामले की जांच की गई। इस दौरान बैंक के सर्वर में घुसपैठ कर हैकिंग का मामला सामने आया। इसको लेकर नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने साइबर क्राइम थाने के साथ ही आरबीआई की एसएसएम, सीएसआईटीई एवं सर्ट-इन, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम और अन्य बड़ी एजेंसियों से मामले की शिकायत की। अब धोखाधड़ी से स्थानांतरित की गई धनराशि को वापस प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंकों को ई-मेल भेजकर खाते फ्रीज करने और जिन खातों में राशि संदिग्ध तरीके से स्थानांतरित हुई उन खाताधारकों के केवाईसी दस्तावेज की जांच के लिए भी कहा गया है। इसके बाद पूरे मामले में पांच फर्जी लेनदेनों की 69,49,960 की राशि को बैंकों ने फ्रीज कर वापस भी कर दिया है।
ग्राहकों का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित : राहुल प्रधान
इस मामले में नैनीताल स्थित मुख्यालय से बैंक के उपाध्यक्ष राहुल प्रधान की ओर से कहा गया है कि बैंक के साइबर फ्रॉड मामले के बाद भी ग्राहकों का पैसा पूर्णतः सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि इस साइबर अपराध में बैंक के किसी भी ग्राहक की जमा धनराशि का कोई नुकसान नहीं हुआ है तथा बैंक द्वारा ग्राहकों के खातों पर लगाई हुई बहुस्तरीय सुरक्षा के फलस्वरूप सभी ग्राहकों का पैसा बैंक में सुरक्षित है।
उन्होंने बताया कि मामले के संज्ञान में आते ही बैंक द्वारा भारत सरकार की सर्वोच्च साइबर सुरक्षा संस्था एवं रेगुलेटर के पर्यवेक्षण में, आरटीजीएस चैनल में अत्याधुनिक सर्वर सभी सुरक्षाओं के तहत स्थापित कर दिए गए हैं तथा रेगुलेटर के अनुमति के उपरांत सर्वर को सुचारू कर दिया जाएगा। इस दौरान बैंक अपने ग्राहकों को आरटीजीएस की सुविधाएं ‘टाई अप अरेंजमेंटस’ के तहत शाखाओं के माध्यम से प्रदान कर रहा है, ताकि ग्राहकों को उनके धन प्रेषण में कोई अवरोध न हो। इस प्रकार की घटना का बीमा कवर होने के कारण, बैंक इस धनराशि की भरपाई हेतु भी आश्वस्त है। बैंक द्वारा इस धनराशि की वसूली हेतु साइबर सेल के साथ-साथ उन सभी बैंकों से, जिनको यह धनराशी स्थानांतरित हुयी है, प्रत्यक्ष रूप से संपर्क कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। नैनीताल बैंक अपने ग्राहकों को सुरक्षित एवं समायोजी बैंकिंग सेवायें प्रदान हेतु कटिबद्ध है।