
Mumbai : ओबीसी आरक्षण के लिए आपने क्या किया: चंद्रकांत पाटिल

प्रशांत बारसिंग
मुंबई। चंद्रकांत पाटिल ने आज पुणे में संवाददाताओं से कहा कि सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सरकार (Mahavikas Aghadi government) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोई प्रयास नहीं किया है कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को फिर से लागू नहीं किया जाएगा। जब तक ट्रिपल टेस्ट पूरा नहीं हो जाता। उन्होंने एक श्वेत पत्र के प्रकाशन का भी आह्वान किया, जिसमें बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी राजनीतिक आरक्षण (OBC political reservation) के लिए क्या किया है?
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने आयोग से ओबीसी राजनीतिक आरक्षण को फिर से लागू करने, इसके माध्यम से अनुभवजन्य डेटा एकत्र करने और कुल आरक्षण को पचास प्रतिशत से ऊपर नहीं जाने देने के ट्रिपल टेस्ट (triple test) को पूरा करने के लिए कहा था। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास अघाड़ी सरकार ने कुछ दिन पहले एक समर्पित आयोग नियुक्त किया है। अभी तक कोई अनुभवजन्य डेटा एकत्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन सरकार ने कोर्ट के निर्देश के मुताबिक काम नहीं किया, तो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला सरकार के खिलाफ होगा।
सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद, यह स्पष्ट है कि स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना होंगे। गठबंधन सरकार के नेता किस आधार पर कह रहे हैं कि चुनाव ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) के साथ होंगे? ओबीसी आरक्षण रद्द होने के बाद राज्य में 106 नगर पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के हुए। सरकार इसे रोक नहीं पाई। ओबीसी समुदाय को बड़े नेता लॉलीपॉप दिखा रहे हैं। वे ओबीसी को धोखा दे रहे हैं। पाटिल ने आरोप लगाया कि गठबंधन सरकार ने ओबीसी समुदाय की पीठ में छुरा घोंपा है।