मुंबई : (Mumbai) मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) ने बुधवार को विधान परिषद में कहा कि ‘ऑपरेशन मुस्कान’ और ‘ऑपरेशन शोध’ (‘Operation Muskaan’ and ‘Operation Shodh’) के जरिए सूबे में बड़ी संख्या में लापता बच्चों, लड़कियों और महिलाओं की तलाश की गई है।
विधान परिषद के सदस्य सुनील शिंदे (Legislative Council member Sunil Shinde) ने आज राज्य में महिलाओं और लड़कियों के लापता होने का मुद्दा उठाया। इसी मुद्दे पर विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, सदस्य चित्रा वाघ, प्रज्ञा सातव ने उपप्रश्र किया। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अब किसी भी व्यक्ति के लापता होने पर तुरंत मामला दर्ज करना अनिवार्य है। अगर छोटे बच्चे लापता होते हैं, तो अपहरण का मामला दर्ज किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागपुर शहर में कुल 5897 गुमशुदा मामलों में से 5210 लोगों का पता लगाया गया है, जो 90 प्रतिशत से अधिक है। यह दर 96-97 प्रतिशत तक भी पहुंच जाती है। बच्चों के लिए ‘ऑपरेशन मुस्कान’ लागू किया गया। इस अभियान के तहत 4193 लडक़े और लड़कियों का पता लगाया गया। महिलाओं के लिए एक अलग ‘ऑपरेशन शोध’ लागू किया गया। एक महीने में 4960 गुमशुदा महिलाओं और 1364 बच्चों का पता लगाया गया। इसके अलावा, 106 महिलाएं और 703 बच्चे मिले जो बिना शिकायत दर्ज किए लापता थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हर पुलिस स्टेशन में एक ‘मिसिंग सेल’ स्थापित करने के आदेश दिए गए हैं। इस सेल का नेतृत्व एक महिला पुलिस अधिकारी करेंगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘एडीजे’ रैंक के आईपीएस अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा वन-स्टॉप सेंटर “भरोसा” महिलाओं को परामर्श, सुरक्षा और कानूनी सहायता प्रदान करता है। इस केंद्र का उपयोग घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों के कारण घर छोडऩे वाली महिलाएं करती हैं। ‘पुलिस काका-दीदी’ पहल के तहत, स्कूल स्तर पर यौन शिक्षा और अच्छे/बुरे स्पर्श के बारे में जागरूकता पैदा की जाती है। अब इसमें ‘लापता व्यक्तियों’ की जानकारी भी शामिल की जाएगी।