
मुंबई: ‘भोंगे बंद’ विवाद में हिंदुओं को ज्यादा नुकसान : सचिन सावंत

प्रशांत बारसिंग
मुंबई: महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सचिन सावंत ने आरोप लगाया है कि मनसे के ‘भोंगे बंद (‘Bhonge Bandh’) विवाद से हिंदुओं को ही अधिक परेशानी हो रही है।
सचिन सावंत (Sachin Sawant) ने कहा कि लाउडस्पीकर के मुद्दे पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा शुरू की गई राजनीति हिंदुओं के लिए हानिकारक साबित हो रही है। मस्जिदों से भोंगे उतरवाने पर अब हिंदू त्योहारों से भी अब भोंगे के इस्तेमाल पर रोक लग सकती है। मुस्लिम समुदाय ने सुबह की नमाज बंद कर दी है। इस बीच मनसे की वजह से काकड़ आरती भी बंद कर दी गई। इसको विवाद में मनसे की वजह से हिन्दुओं का अधिक नुकसान हुआ है, त्र्यंबकेश्वर और शिरडी की काकड़ आरती बंद कर दी गई है, ये पाप किसका है? ऐसा सवाल सचिन सावंत ने किया है।
सचिन सावंत ने धमाकेदार शुरुआत की राजनीति पर तंज कसते हुए कहा कि लाउडस्पीकर के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देशों का पालन करें। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डेसिबल को नियंत्रित किया जाना चाहिए, तो इसके अलावा कहीं कोई दायित्व नहीं है। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी के द्वारा शोर सीमा के उल्लंघन या उपयोग की सूचना दी जा सकती है। मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा 38(1) के तहत मुंबई पुलिस लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देती है। इसे कितनी बार और कब इस्तेमाल करना है, इसका कोई नियम नहीं है। शांति क्षेत्र की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुंबई में मस्जिदों से ज्यादा मंदिर हैं
मुंबई में कुल 2404 मंदिर और 1144 मस्जिद हैं। कल तक इनमें से केवल 20 मंदिरों को ही इसकी अनुमति है, जबकि 922 मस्जिदों के पास इसकी अनुमति है। 5 मंदिरों और 15 मस्जिदों के लिए आवेदन लंबित हैं। अगर मनसे सुनती है कि सभी हॉर्न बंद कर दिए जाने चाहिए, तो 2400 मंदिरों के साथ-साथ मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारों और बौद्ध मठों में भी हॉर्न का इस्तेमाल करना संभव नहीं होगा। पूरे वर्ष सार्वजनिक समारोहों की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि महाराष्ट्र में करीब 15,000 मस्जिद हैं, लेकिन 80,000 से ज्यादा मंदिर हैं। सावंत ने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए कि मस्जिदों पर अनधिकृत रूप से बमबारी करते समय ऐसे मंदिरों की संख्या बहुत अधिक है, यह मनसे की अज्ञानता को दर्शाता है।
लोगों को तय करना चाहिए कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए मनसे की भूमिका और बौद्धिक दिवालियेपन के कारण यह तर्कहीनता सही है या गलत। पुलिस की ओर से हुई बैठक में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने मनसे की मांग का विरोध किया है। हालांकि राज ठाकरे का कहना है कि लाउडस्पीकर का मुद्दा राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक है, लेकिन यह कोई रहस्य नहीं है कि उनके पास राजनीतिक बढ़त है। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार (Maharashtra Vikas Aghadi government) पर निशाना साधने के नाम पर मनसे और भाजपा दोनों का पर्दाफाश हो चुका है। सचिन सावंत ने यह भी कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।
देश के भाजपा शासित राज्यों के इस मुद्दे पर असफल रुख अपनाने की वजह साफ है। सचिन सावंत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाविकास अघाड़ी सरकार को बदनाम करने की कोशिश में ही भाजपा और उसके सहयोगी महाराष्ट्र को बदनाम कर रहे हैं।