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Mumbai : 1 मार्च को बड़े पर्दे पर प्रदर्शित होगी गोधरा

मुंबई: (Mumbai) अनाउंसमेंट के बाद से सुर्ख़ियों में रही फ़िल्म एक्सीडेंट या कॉन्सपिरेसी: गोधरा (film Accident or Conspiracy: Godhra) का टीज़र जारी कर दिया गया हैं। यह फिल्म 22 साल पहले घटित कभी नहीं भूलने वाली एक दर्दनाक घटना पर आधारित है। एक ऐसी भयानक घटना जिसका दर्द और रोष गुजरात के साथ पूरे देश में आज भी महसूस होती है।

टीज़र की शुरुआत एक जलती हुई ट्रेन-साबरमती एक्सप्रेस (the Sabarmati Express) की भयावह तस्वीरों के साथ होती है। यह जलती हुई ट्रेन गोधरा कांड की काली छायों को उजागर करती है। एक मिनट के इस वीडियो में एक संवाद में मनोज जोशी कहते हैं कि गुजरात दंग़ो का सत्य जानना है तो उसके लिए कार सेवकों की हत्या की कॉन्सपिरेसी को हमें समझना ही होगा। अभिनेता रणवीर शौरी (Actor Ranveer Shorey) वकील के किरदार में कहते है कि ‘साबरमती एक्सप्रेस में हुई घटना एक एक्सीडेंट थी यह कोई कॉन्सपिरेसी नहीं थी। टीज़र के आख़िरी हिस्से में एक जलती हुई ट्रेन में दहशत और निराशा भरी आवाज़ आती हैं क्या फ़र्क़ पड़ता हैं सालों से हम जैसे लोग अपनी फ़ैमिली को ऐसे ही खोते आए हैं, इस सवाद के साथ गोधरा का यह झकझोर देने वाला टीज़र कई सारे दर्द और सवाल पैदा कर रहा है।

ओम त्रिनेत्र फिल्म्स के बैनर तले निर्मित इस फिल्म में रणवीर शौरी, मनोज जोशी, हितु कनोडिया, डेनिसा घुमरा, गणेश यादव , मकरंद शुक्ला और राजीव सुरती जैसे कई अभिनेता प्रमुख किरदारों में नज़ार आयंगे हैं। प्रतिभाशाली अभिनेताओं के साथ इस दुर्भाग्यपूर्ण दिन कहानी को पर्दे पर जीवंत किया गया है जिसने इतिहास की दिशा बदल दी।

निर्देशक एम.के. शिवाक्ष फिल्म के बारे में बताते है कि फ़िल्म का उद्देश्य गोधरा की घटना को उजागर करना है . टीज़र में उठाए गए सवाल गहरे हैं: गोधरा कांड के पीछे का सच क्या है? पीड़ितों की पीड़ा दुर्घटनाओं और विवादों के बीच क्यों दब गई है? फिल्म का उद्देश्य स्पष्ट है – सच्चाई को उजागर करना, यह पता लगाना कि क्या ट्रेन में आग लगना एक दुर्घटना थी, या बढ़ते तनाव के कारण यह एक पूर्व-निर्धारित घटना थी

निर्माता बी.जे. पुरोहित बताते हैं , एक्सीडेंट या कॉन्सपिरेसी: गोधरा फ़िक्शन या प्रोपोगेंडा फ़िल्म नहीं यह गोधरा घटना की जांच के लिए स्थापित नानावती मेहता आयोग की रिपोर्ट पर आधारित है। यह दर्शकों को उस दर्दनाक घटना की सच्चाई बताइएगा जो आज भी पीड़ितों के दिलों में दर्द के साथ गूंजता है यह सच्चाई हैं उन सभी पीड़ितों की जिन्होंने उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन जलती हुई ट्रेन देखी थी।

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