बांग्लादेश से आता था नकली नोटों का पैकेट
मुंबई : (Mumbai) महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले की गढ़लिंगम पुलिस स्टेशन (Gadhalingam police station of Kolhapur district of Maharashtra) ने कई राज्यों में चलाए जा रहे नकली नोट के रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दस आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि नकली नोट बांग्लादेश में छपकर भारतीय सीमा में इन्हें पैकेट के रुप में गिरा दिया जाता है। इसके बाद इन नकली नोटों को महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल तक पहुंचाया जाता था। इस मामले की गहन छानबीन जारी है।
इस मामले की छानबीन कर रहे पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि 17 जून को कोल्हापुर के गढ़लिंगम में एक घटना सामने आई थी जहां आकाश रवींद्र रिंगाने नाम के एक युवक ने एक एटीएम में 500 रुपये के 35 नकली नोट लोड किए थे। यहां से शुरू हुई जाँच में पुलिस ने इसके सूत्र पकड़ लिए और एक के बाद एक 10 लोगों की चेन मिल गई। आकाश की गिरफ्तारी के बाद नितिन कुंभार, अशोक कुंभार, दिलीप पाटिल, सतीश कंकनवाड़ी, भरमू कुंभार , अक्षय कुंभार, अशोक कुंभार टोनी, तपस कुमार प्रधान और एक अन्य को आरोपित गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अभी भी चार आरोपित फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच में पता चला है कि इस रैकेट का मुख्य मास्टरमाइंड अशोक कुंभार (main mastermind of this racket is Ashok Kumbhar) है। अशोक इससे पहले भी नकली नोट के मामले में जेल की सजा काट चुका है। जेल में ही उसकी मुलाकात पहले नकली नोट मामले में सजा काट रहे एक आरोपित से हुई और उसने जेल से बाहर आकर नए शिरे से नकली नोटों की तस्करी शुरू कर दिया। अब तक जांच में पता चला है कि ये नकली नोट बांग्लादेश में छापे जाते हैं। इसके बाद इन्हें पार्सल के रूप में सीमा पार फेंका जाता था और भारतीय तस्कर इन्हें उठाकर देश के अंदर बांट देते हैं। नकली नोटों की ये खेप सीधे बेंगलुरु पहुँचाई जा रही थी।
ओड़िशा का तपस कुमार प्रधान (Tapas Kumar Pradhan of Odisha) की देखरेख में यह नेटवर्क ओड़िशा , महाराष्ट्र, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल राज्यों तक फैल चुका है। इसलिए पुलिस को इन तीनों राज्यों में जाकर आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जांच में यह भी पता चला है कि एक लाख रुपये के नकली नोट बाज़ार में जारी होने पर आरोपितों को 60 हज़ार रुपये का इनाम मिलता था। इसमें से 40 हज़ार रुपये नकली नोटों के सप्लायर को भेजे जाते थे और 20 हज़ार रुपये बांटने वालों के पास रहते थे। ज़्यादातर लेन-देन ऑनलाइन होते थे। जांच में पता चला कि इन 10 आरोपितों ने 16.88 लाख रुपये का ऑनलाइन लेन-देन किया था और लगभग 35 लाख रुपये के नकली नोट चलन में डाले हैं।
इस मामले की छानबीन गढ़लिंगम पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक अजय सिंदकर (Police Inspector Ajay Sindkar of Gadhalingam Police Station) के नेतृत्व में संयुक्त पुलिस निरीक्षक सागर पाटिल, उपनिरीक्षक रमेश मोरे, पुलिसकर्मी रामदास किलेदार, दादू खोत, अरुण पाटिल, युवराज पाटिल और प्रशांत शेवाले की टीम कर रही है।