मुंबई : पालघर जिले में आसमान से बरसती आफत ने 61 दिनो में 21 जिंदगिया लील है। और 573 घरों को नुकसान पहुंचा है। आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़े के अनुसार जिले भर में 1 जून से 31 जुलाई तक 61 दिनों की अवधि में बारिश के कारण 21 लोगों की जान चली गई है। मृतकों की सबसे ज्यादा संख्या पालघर जिले के ग्रामीण इलाकों में हैं, जहां पर्यटन स्थलों, झरनों और नदियों में पानी के बहाव में बहने से अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है।
पालघर तालुका में 6, दहानू-वसई-जव्हार में 4-4 और तलासरी, वाडा और विक्रमगढ़ में 1-1 मौत दर्ज की गई है। फिलहाल जिला प्रशासन इन मृतकों के परिवारों को जल्द ही सहायता राशि मुहैया कराने की कार्रवाई कर रहा है। जिले भर में हुई भारी बारिश के बाद जिला प्रशासन ने नदी के बहाव वाले स्थलो और पर्यटक स्थलों पर प्रतिबंध लगा दिया था।हालाँकि, कुछ झरनों पर मौज-मस्ती करने गए पर्यटकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की घटनाएं भी हुई हैं। कुछ मौतें नदियों के बाढ़ के पानी में बह जाने के कारण हुईं। अभी भी पालघर के कई ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। जिले के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में लोगों और छात्रों को खतरनाक तरीके से नदी नालों के बीच से निकलकर अपनी मंजिल तक पहुंचना पड़ रहा है। क्योंकि कई जगहों पर नदियों पर बने पुल और सड़कें पानी के कारण बह गए हैं। हालांकि, जिला प्रशासन बार-बार आग्रह कर रही है कि कोई भी इस तरह खतरनाक तरीके से यात्रा न करें।पालघर जिले में अभी भी कुछ जगहों पर लगातार बारिश जारी है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है, कि भारी बारिश शुरू हो जाती है तो नागरिक आवश्यक कार्य को छोड़कर घर से बाहर न निकलें। साथ ही जिला तेज बहते पानी और नदी नाले वाले स्थानों पर जाते समय सावधानी बरतने की अपील भी की गई है। लेकिन अकेले पालघर जिले में 61 दिनों में ही बारिश के कारण 21 लोगों की मौत हो चुकी है। जो बताने के लिए काफी है, कि आपदा प्रबंधन में की व्यवस्था जिले में ध्वस्त है। जो लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।