
नरेन डे(motivational story:) (स्वामी विवेकानंद) अपने छात्र जीवन में आर्थिक विषमता से जूझ रहे थे। एक दिन उन्होंने अपने गुरू परमहंस रामकृष्ण से कहा- यदि आप काली मां से प्रार्थना करेंगे, तो वह मेरे वर्तमान आर्थिक संकट दूर कर देंगी। रामकृष्णजी बोले- नरेन, संकट तुम्हारे हैं, इसलिए तुम स्वयं मंदिर में जाकर काली मां से मांगो, वह अवश्य सुनेगी।’ यह कहकर उसे मंदिर में भेज दिया। वहां उसने और कुछ न कहकर मां मुझे भक्ति दो कहा और फिर गुरु जी के निकट लौट आया।
उन्होंने पूछा- क्या मांगा? मां मुझे भक्ति दो नरेन ने कहा। ‘अरे, इससे तेरे संकट दूर नहीं होंगे, तू फिर से अंदर जा और मां से स्पष्ट मांग। वह गया और उसने पूर्ववत् जैसा किया। जब तीसरी बार जाने पर भी उसने काली मां से केवल यही कहा मां मुझे भक्ति दो, तब परमहस जी हंसे और कहने लगे- नरेन। मुझे मालूम था, तू भौतिक सुख नहीं मांगेगा, क्योंकि आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने की पूर्ण जिज्ञासा तेरे हृदय में उत्पन्न हो चुकी है और इसीलिए मैंने तुम्हे तीनों बार भक्ति मांगने के लिए ही अंदर भेजा था। तेरे वर्तमान आर्थिक संकट का समाधान तो मैं स्वयं ही कर सकता था।