India Ground Report

motivational story : लेन देन

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संसार में मनुष्य एक मात्र जीव है, जो बोल कर अपने भाव प्रगट कर सकता है। मनुष्य मेहनत करता है और सफलता प्राप्त करता है। कई बार उसे हार का सामना भी करना पड़ता है। हर इंसान के जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक बातें मौजूद होतीं हैं। यह हम पर निर्भर है कि हम नकारात्मक बातों को कैसे लेते हैं। उन्हें स्वीकार कर रहे हैं या नकार रहे हैं।

एक समय की बात है,भगवान बुद्ध आनंद के साथ एक नगर में घूम रहे थे। बुद्ध के विरोधियों ने उस नगर के लोगों के मन में यह बात बैठा दी थी कि बुद्ध एक ढोंगी हैं और हमारे धर्म को भ्रष्ट कर रहें हैं। जब नगर के लोगों ने बुद्ध को देखा, तो वे उन्हें भला बुरा कहने लगे और बदुआएं देने लगे।

गौतम बुद्ध नगर के लोगों की उलाहने शांति से सुनते रहे। जब नगर के लोग बोलते-बोलते थक गए, तो प्रेम से भरे हुए महात्मा बुद्ध बोले क्षमा चाहता हूं ! लेकिन अगर आप लोगों की बातें खत्म हो गईं हों, तो मैं यहां जाऊं। भगवान बुद्ध कि यह बात सुन वहां के लोग बड़े आर्श्वयचकित हुए। वहां खड़ा एक आदमी बोला ओ! भाई हम तुम्हारा गुणगान नहीं कर रहे हैं। हम तो तुम्हें गालियां दे रहे हैं। क्या इसका तुम पर कोई असर नहीं होता?

बुद्ध बोले, मित्र मैं आपके भीतर के प्रेम से भरे इंसान को महसूस कर रहा हूं। आपकी गालियां, तो मैं ले ही नहीं रहा।
ऐसे में आप सब मुझे चाहे जितनी गालियां दो मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता। जब तक कि मैं उन्हें स्वीकार नहीं करता वह आपके पास ही रहेंगी। बुद्ध आगे बोले मित्र जब भी कोई कुछ दे तो अपने काम की चीज़ ले लो बाकी उसके पास छोड़ दो और आगे बढ़ जाओ।

प्रस्तुति : अमोल वाघमारे

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