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प्रेरक प्रसंग: जीवन का सच

बनारस में एक सड़क के किनारे एक बूढ़ा भिखारी बैठता था। वह उसकी निश्चित जगह थी। आने जाने वाले पैसे या खाने पीने को कुछ दे देते। इसी से उसका जीवन चल रहा था। उसके शरीर में कई घाव हो गए थे जिनसे उसे बड़ा कष्ट था।

एक युवक रोज उधर से आते जाते समय उस भिखारी को देखता। एक दिन वह भिखारी के पास आकर बोला, “बाबा! इतनी कष्टप्रद अवस्था में भी आप जीने की आशा रख रहे हैं। जबकि आपको ईश्वर से मुक्ति की प्रार्थना करनी चाहिए।”

भिखरी ने उत्तर दिया, “मैं ईश्वर से रोज यही प्रार्थना करता हूं। लेकिन वह मेरी प्रार्थना सुनता नहीं है। शायद वह मेरे माध्यम से लोगों को यह संदेश देना चाहता है कि किसी का भी हाल मेरे जैसा हो सकता है। मैं भी पहले तुम लोगों की तरह ही था।

अहंकारवश अपने किये कर्मों के कारण मैं यह कष्ट भोग रहा हूं। इसलिए मेरे उदाहरण के द्वारा वह सबको एक सीख दे रहा है।” युवक ने बूढ़े भिखारी को प्रणाम किया और कहा,”आज आपने मुझे जीवन की सच्ची सीख दी दी, जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।”

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