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प्रेरक प्रसंग: सांड और मेंढक

एक सांड झील के पास चला गया। वहां मेंढक-मेंढकियां थे। एक मेंढक को तो उसने कुचल भी डाला और बाकी पानी में भाग गए। एक मेंढकी का बच्चा अपनी मां के पास गया और बोला, ‘ओह, मां, कितना बड़ा जानवर देखा है मैंने दिल में दहशत पैदा करता है। ‘क्या मुझसे भी बड़ा है? मां ने पूछा ‘कहीं बड़ा।” बूढ़ी मेंढकी ने अपने को फुला लिया और पूछा- ‘क्या अब भी वह मुझसे बड़ा है?” ‘हां बड़ा है।’ मेंढकी ने अपने को और फुला लिया। क्या वह अब भी मुझसे बड़ा है?” “हां, बड़ा है। अपने को फुलाते हुए बेशक फट जाओ, लेकिन सांड के बराबर नहीं हो सकोगी।’ बूढ़ी मेंढकी ने पूरा जोर लगाकर अपने को फुलाया और फट गई।

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