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Mobile thereapy buses launched: दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाने के लिए नई मोबाइल थेरेपी बसें की गईं लॉन्च

नई दिल्ली:(Mobile thereapy buses launched) द हंस फाउंडेशन (The Hans Foundation) ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के अधीनस्थ राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (NIEPID) के साथ साझेदारी में मंगलवार को अपनी मोबाइल थेरेपी बसें लॉन्च कीं। इन पांच मोबाइल थेरेपी बसों के माध्यम से नोएडा, गाजियाबाद, कोलकाता, मुंबई में हाशिए पर रह रहे समुदायों के दिव्यांग बच्चों की जरूरतों को पूरा किया जाएगा।

प्रत्येक मोबाइल थेरेपी बस इससे लगभग 14 हजार दिव्यांग लोगों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य है को पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचे के लिए 2 करोड़ रुपये के प्रारंभिक व्यय की आवश्यकता होगी। इस कार्यक्रम के तहत थेरेपी बस के रख रखाव, कर्मचारियों और परिचालन क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए प्रति वर्ष 1.2 करोड़ रुपये का वार्षिक परिचालन बजट आवंटित किया जाएगा।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने इस पहल की सराहना करते हुए एनआईईपीआईडी और हंस फाउंडेशन की प्रशिक्षित व दक्ष टीम की प्रशंसा की और कहा कि केंद्र सरकार का हमेशा से वंचितों तक पहुंच बनाना मुख्य लक्ष्य रहा है। उन्हाेंने ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में दिव्यांगता की प्रारंभिक पहचान के लिए जोर दिया और इस कार्य के लिए सरकार और प्राइवेट साझेदारी की भी बात कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्रों पर दी जाने वाले सहायक उपकरण व अन्य सामग्री आसानी से इन बसों में ले जाई जा सकती हैं।

इस क्षेत्र में प्रोफेशनल लोगों की कमियों पर बात करते हुए सचिव अग्रवाल ने एनआईईपीआईडी के छात्रों को गंभीरता के साथ पढ़ने और अच्छे प्रोफेशनल्स बनने के लिए भी प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्होंने दिव्यांग बच्चों के माता-पिता एवं सीडब्ल्यूडी के लिए अल्पकालिक पाठ्यक्रमों का प्रस्ताव दिया। उन्हाेंने दिव्यांगों के साथ-साथ उनके माता-पिता व भाई-बहनों और बच्चों (candidates) के लिए 100 प्रतिशत शुल्क रियायत की भी बात कही।

कार्यक्रम में हंस फाउंडेशन के निदेशक सुदीप सिन्हा और राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के निदेशक डॉ. बी.वी. रामकुमार भी उपस्थित रहे।

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