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Lucknow : सपा विधायकों के हंगामे के चलते विधानसभा कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

लखनऊ : (Lucknow) उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र (Uttar Pradesh Legislative Assembly) के पहले दिन सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे वंदे मातरम् गीत के साथ विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई। कार्यवाही शुरू होते ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) (SP) के सदस्याें ने नेता प्रतिपक्ष के साथ गोरखपुर में हुई घटना को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।विपक्ष के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे और वहीं धरने पर बैठ गए। प्रश्नकाल सपा के हंगामें की भेंट चढ़ गया। प्रश्नकाल के बाद सदन की कार्यवाही शुरू तो हुई लेकिन ज्यादा देर नहीं चल सकी। सपा के सदस्य वेल में ही रहे। आखिरकार अपराह्न 1:07 बजे सदन की कार्यवाही मंगलवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

प्रश्नकाल के दौरान पीठ से विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Speaker of the Assembly Satish Mahana) पहले प्रश्न का सरकार से उत्तर के लिए कहते, उससे पहले ही समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य संग्राम सिंह यादव ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय का गोरखपुर में अपमान और उन पर हमले का मुद्दा उठाया। पीठ से कहा गया कि अगर कोई बात है तो खुद नेता प्रतिपक्ष बताएं। इस पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडये (Leader of Opposition Mata Prasad Pandey) ने सदन में कहा कि गोरखपुर में विरासत गलियारे में व्यापारियों की दुकानें तोड़ी जा रही हैं। उन्हीं पीड़ित व्यापारियों से वह मिलने गए थे। इस दौरान उनके साथ अभद्रता हुई। उनकी गाड़ी पर हमला किया गया। पुलिस प्रशासन केवल देखता रहा। इसकी जांच कराई जाए।

इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि सपा का लोकतंत्र में विश्वास केवल दिखावा है। सपा और लोकतंत्र नदी के दो किनारों की तरह है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि माता प्रसाद पांडेय बहुत वरिष्ठ हैं। आपको अनावश्यक रूप से मोहरा बनाकर कुछ लोग आपके कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साध रहे हैं। आपको ऐसा होने नहीं देना चाहिए। नेता सदन योगी ने गोरखपुर के विरासत कॉरिडोर के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर गोरखपुर के सबसे पुराने बाजार, घंटाघर और गीता प्रेस जैसे ऐतिहासिक स्थानों को जोड़ने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष से तीन दिन पहले गोरखपुर विरासत कॉरिडोर का निरीक्षण किए थे। वहां के एक-एक व्यापारी से बात की। यह गोरखपुर का सबसे पुराना बाजार है, जहां कंजेशन और अवैध कब्जे की समस्या थी। हमने सड़क निर्माण और कंजेशन दूर करने का काम शुरू किया है। योगी ने बताया कि उन्होंने व्यापारियों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। सरकार सुनिश्चित करेगी कि विकास कार्यों के दौरान किसी का नुकसान न हो।

योगी ने सपा पर आरोप लगाया कि उनके (सपा) कार्यकाल में इस क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सपा के समय में हर साल 700 से 1500 बच्चों की मौत इन्सेफलाइटिस से होती थी। नेता प्रतिपक्ष के विधानसभा क्षेत्र और सिद्धार्थनगर जनपद में सैकड़ों बच्चे मरते थे, लेकिन आपने कुछ नहीं किया। स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास आपका एजेंडा कभी नहीं रहा। नेता सदन ने कहा कि गोरखपुर के व्यापारियों ने माता प्रसाद पांडेय के दौरे का विरोध किया था, क्योंकि सपा के कार्यकाल में व्यापारियों को भय और गुंडा टैक्स का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी व्यापारी सपा के कार्यकाल में हुए शोषण को नहीं भूले हैं। व्यापारी इसलिए आशंकित और आक्रोशित थे कि आप बिना बुलाए वहां गए और उनके विकास कार्यों में बाधा डालने की कोशिश की। मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि व्यापारियों ने आपका सम्मानपूर्वक विरोध किया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्तमान सरकार संभल में शुद्धिकरण अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि सपा ने संभल में जो नकारात्मकता फैलाई, आज हम उसे सुधार रहे हैं। सपा अपनी पुरानी आदतों से बाज नहीं आती और विकास को अवरुद्ध करने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि चाहे संभल हो, बहराइच हो या गोरखपुर, सपा हर जगह नकारात्मक राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए की सरकार विकास कराना चाहती है, लेकिन सपा को यह बुरा लगता है।

मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट सपा के सदस्य वेल में आ गए। हालांकि विधान सभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने की कोशिश की। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने एक प्रश्न का उत्तर भी दिया लेकिन सपा का वेल में हंगामा जारी रहा। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि नेता सदन की ओर से पूरी बात आ गयी। यह सपा का केवल राजनीतिक एजेण्डा है। जनता के सराेकाराें से काेई लेना देना नहीं है। अब इन लोगों (सपा) को अपनी सीट पर जाना चाहिए। अन्यथा हम सदन की कार्यवाही स्थगित करने की मांग करते हैं। अध्यक्ष ने विपक्षी का समझाने की कोशिश की। वे नहीं माने तो उन्होंने 11:37 बजे सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद सदन के स्थगन का समय 12:20 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया। इस प्रकार प्रश्नकाल ठीक से नहीं चल पाया।

प्रश्नकाल के बाद पुन: 12:20 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस बीच सपा के सदस्य लगातार वेल में आकर धरने पर बैठे रहे। हंगामे के बीच ही विधानसभा के पूर्व सदस्यों के निधन पर सदन ने शोक व्यक्त किया और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Assembly Satish Mahana) ने विधायी कार्यों को पूरा कराया। इसके साथ ही विपक्ष का हंगामा देखते हुए 1:07 बजे विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

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