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Kolkata : ओएमआर में गड़बड़ी बताकर अयोग्य घोषित, फिर भड़का शिक्षक आंदोलन

कोलकाता : (Kolkata) पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति से जुड़ी विवादित प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर करुणामयी स्थित स्कूल सेवा आयोग (School Service Commission) (एसएससी) कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। गुरुवार सुबह से बड़ी संख्या में वे शिक्षक और शिक्षाकर्मी विरोध में जुटे हैं, जिन्हें ओएमआर शीट में त्रुटि के आधार पर ‘अयोग्य’ घोषित कर दिया गया है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक अदालत में यह साबित नहीं हो जाता कि ओएमआर शीट में गड़बड़ी हुई है, तब तक एसएससी किस आधार पर उन्हें ‘अयोग्य’ ठहराकर वेतन बंद कर सकता है? इस सवाल को लेकर शिक्षक एसएससी दफ्तर के सामने डटे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उनकी नौकरी को साजिश के तहत छीना गया है।

इधर, जिन शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘दागी नहीं’ मानते हुए अस्थायी रूप से स्कूलों में लौटने की इजाज़त दी गई थी, वे अब धीरे-धीरे कार्यस्थल पर लौटने लगे हैं। हालांकि इन शिक्षकों का कहना है कि वे स्कूल जाने के साथ-साथ आंदोलन भी जारी रखेंगे।

शिक्षिका संगीता मंडल ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए स्कूल जा रहे हैं, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा। जब तक अयोग्य घोषित किए गए लोगों को पूरी तरह से हटाया नहीं जाता, तब तक हम बारी-बारी से स्कूल जाते रहेंगे और आंदोलन भी चलाते रहेंगे।

इस बीच, करुणामयी के पास स्थित निवेदिता भवन में भी नियुक्ति रद्द किए गए शिक्षाकर्मियों का अनशन जारी है। इनमें से तीन लोग गुरुवार को बीमार हो गए, लेकिन उन्होंने अनशन तोड़ने से इनकार कर दिया है। उनकी भी यही मांग है कि जैसे शिक्षकों को स्कूल में वापस भेजा गया है, वैसे ही शिक्षाकर्मियों को भी स्कूल में लौटने का अवसर मिलना चाहिए।

राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में ‘दागी नहीं’ माने गए 17 हजार 206 शिक्षकों की सूची जमा की गई थी। लेकिन बुधवार को इस सूची से और एक हजार 803 नाम हटा दिए गए। पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद का कहना है कि इन शिक्षकों की ओएमआर शीट सहित विभिन्न दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई है। अब नई सूची में 15 हजार 403 शिक्षक ही बचे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, इन शिक्षकों को 31 दिसंबर 2025 तक स्कूल जाने और वेतन पाने की अनुमति दी गई है। इसके बाद उन्हें नई भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेना होगा, जिसे इस साल के अंत तक पूरा किया जाना है।

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