India Ground Report

Kolkata : बर्खास्त शिक्षकों का आमरण अनशन जारी, नई नियुक्तियों पर रोक की मांग

कोलकाता : (Kolkata) पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग द्वारा 2016 (School Service Commission in West Bengal in 2016) में की गई शिक्षकों और गैर शिक्षकों की लगभग छब्बीस हजार नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा अमान्य घोषित किए जाने के बाद, प्रभावित शिक्षक अब सरकार के खिलाफ मुखर हो उठे हैं। रोजगार गंवा चुके इन शिक्षकों ने शनिवार से आमरण अनशन शुरू किया था जो रविवार को भी जारी रही। अनशनकारी शिक्षकों की प्रमुख मांग है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित समीक्षा याचिका पर कोई निर्णय नहीं आ जाता, राज्य सरकार नई भर्तियों की प्रक्रिया पर रोक लगाए।

अनशन पर बैठे शिक्षकों में मीता सरकार, चिन्मय मंडल, कौशिक सरकार, बलराम विश्वास, सुकुमार सोरेन, बिकाश रॉय, माणिक मजूमदार, किशोर कुमार रॉय, अनिर्बान साहा और अचिंत्य दास शामिल हैं। इन सभी ने सरकार की “उपेक्षा और निष्क्रियता” के खिलाफ ‘मरते दम तक उपवास’ की चेतावनी दी है।

अनशनकारी शिक्षक चिन्मय मंडल (fasting teacher Chinmay Mandal) ने कहा है कि हमने किसी प्रकार की धांधली नहीं की, इसके बावजूद हमारी नौकरियां छिन गईं। हमने वर्षो तक ईमानदारी से काम किया। यह भ्रष्टाचार हमने नहीं किया, फिर भी सजा हमें मिल रही है। जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मानती या हमारा शरीर साथ नहीं छोड़ता, तब तक यह अनशन जारी रहेगा।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन अप्रैल को भर्ती प्रक्रिया को ‘भ्रष्ट और पक्षपातपूर्ण’ करार देते हुए 2016 के पैनल से की गई नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने 44,203 रिक्त पदों पर नई नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की है। हालांकि राज्य सरकार और स्कूल सर्विस कमिशन दोनों ने ही सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिकाएं दाखिल की हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने 27 मई को स्पष्ट किया था कि समीक्षा याचिका और नई भर्ती प्रक्रिया साथ-साथ चलेंगी। लेकिन प्रभावित शिक्षकों का कहना है कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, नई नियुक्ति प्रक्रिया को रोका जाए। उनका तर्क है कि नई भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि सुप्रीम कोर्ट के ग्रीष्म अवकाश से पहले रखी गई है, जबकि अदालत 14 जुलाई को ही दोबारा खुलेगी।

योग्य शिक्षक शिक्षिका अधिकार मंच के नेता मेहबूब मंडल (Yogyaat Shikshak Shikshak Adhikar Manch leader Mehboob Mandal) ने कहा है कि अगर सरकार वास्तव में समीक्षा याचिका को लेकर गंभीर होती, तो वह तब तक कोई नई प्रक्रिया शुरू नहीं करती। हम मांग करते हैं कि निर्दोष और अयोग्य साबित न हुए शिक्षकों की ओएमआर शीट का पुनर्मूल्यांकन कर 2016 की मेरिट लिस्ट पुनः प्रकाशित की जाए।

प्रभावित शिक्षकों की यह भी मांग है कि यदि उन्हें दोबारा परीक्षा में शामिल होना ही पड़े, तो उनके लिए एक अलग विशेष भर्ती प्रक्रिया चलाई जाए, जो केवल 2016 की रद्द की गई सूची के लिए हो।

Exit mobile version