कोलकाता:(Kolkata) संदेशखाली में जारी हिंसा और तनाव के हालात के बीच जहां एक तरफ भाजपा राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर हमलावर है। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने दावा किया है कि संदेशखाली में उन्हें एक भी दुष्कर्म की शिकायत नहीं मिली है। पिछले हफ्ते बुधवार से सड़कों पर उतरी महिलाओं ने स्थानीय तॄणमूल नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों पर कई सालों से महिलाओं से दुर्व्यवहार, यौन उत्पीड़न, मारपीट, गुंडागर्दी, जबरदस्ती संपत्ति पर कब्जा समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने पुलिस पर भी इन अपराधियों की मदद के आरोप लगाए थे और आगजनी की थी। फिलहाल पूरे इलाके में धारा 144 लगी हुई है। महिलाओं के इन आरोपों को लेकर सोमवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दावा किया था कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लोग हिंदू महिलाओं को निशाना बनाते हैं और उन्हें उठा कर ले जाकर जबरदस्ती करते हैं।
सोमवार को राज्यपाल डॉक्टर सी वी आनंद बोस ने भी घटनास्थल का दौरा किया था और कहा कि यहां की शिकायतें दिल दहलाने वाली हैं। अब पुलिस का इस मामले में बयान आया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वहां हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए डीआइजी रैंक की एक महिला अधिकारी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। उन्होंने महिलाओं को पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे आग्रह किया कि अगर वे शिकायत दर्ज कराना चाहती हैं तो पुलिस से संपर्क करें। अधिकारी ने कहा कि उन्हें चार शिकायत मिली हैं जिनमें से एक में भी दुष्कर्म या किसी सांप्रदायिक तरह की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि एसपी स्तर की एक महिला अधिकारी ने इलाके में घरों का दौरा कर महिलाओं से बात की है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने डीआईजी रैंक की एक महिला अधिकारी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय दल बनाया था। यह दल जांच शुरू करेगा। अगर शिकायत होती है तो उन्हें पुलिस के पास आना चाहिए। उनकी शिकायत पर विचार होगा।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार इस मुद्दे पर बहुत चिंतित है।’’ इससे पहले पश्चिम बंगाल महिला आयोग के एक दल ने आज संदेशखाली के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और महिलाओं से बात की। महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। आयोग की अध्यक्ष लीना गांगुली और एक अन्य महिला सदस्य ने संदेशखाली में अनेक महिलाओं से बातचीत की थी।