कोलकाता:(Kolkata) प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार (State BJP President Sukant Mazumdar) ने ममता सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने पर सरकार को सवालों के कठघरे में खड़ा किया है। 02 मई 2021 को बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद राज्य भर में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा भड़की थी। दावा किया जाता है कि हिंसा में 60 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। इसे लेकर भाजपा आज काला दिवस मना रही है।
इसी कड़ी में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मंगलवार दोपहर ट्वीट कर दावा किया कि न केवल 2021 में बल्कि इस साल भी पंचायत चुनाव से पहले चंद महीनों के भीतर भाजपा के 11 कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया। उन्होंने बाकायदा इसकी सूची भी ट्विटर पर डाली है।
इसमें उन्होंने लिखा है कि 16 नवंबर को मुर्शिदाबाद में भाजपा के बूथ अध्यक्ष भानु मंडल को मौत के घाट उतारा गया जबकि 23 नवंबर को पूर्व मेदिनीपुर में भाजपा नेता विकास दे की हत्या की गई। एक फरवरी को पुरुलिया में बनेश्वर हेमराम को मौत के घाट उतारा गया जबकि उसी दिन हुगली जिले के खानाकुल में सुदर्शन प्रमाणिक को मारा गया।
आठ फरवरी को मालदा में धनंजय सरकार को तृणमूल कार्यकर्ताओं ने मौत के घाट उतारा जबकि 21 फरवरी को बालूरघाट में समीर पाहन को मौत के घाट उतारा गया है। 10 अप्रैल को आसनसोल में बाबुल और महेंद्र सिंह की हत्या की गई जबकि कुछ दिनों पहले ही 27 अप्रैल को पश्चिम बंगाल पुलिस ने कालियागंज में मृत्युंजय बर्मन को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। 29 अप्रैल को भाजपा के रानीगंज के संयोजक राजेंद्र साव को गोली मारकर हत्या की गई, उसके एक दिन पहले एक मई को बिहू कृष्ण भुइयां को पूर्व मेदिनीपुर जिले के मोयना में मौत के घाट उतारा गया है।