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KALYAN : सोधी सी सुगंध, मीठी सी भाषा गर्व से कहो हिंदी है मेरी भाषा

कल्याण : 14 सितंबर 2022 को सेंट मेरी हाईस्कूल में राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर विद्यालय के सभी छात्र उपस्थित थे। इस कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सेंट मैरी हायस्कूल के मुख्याध्यापिका दिव्या बोरसे मैडम, समन्वयक देवश्री मैडम और मंजू मैडम का समावेश रहा। कार्यक्रम में पांचवी से दसवीं कक्षा के बच्चों का समावेश रहा। जहां पांचवी कक्षा के बच्चों ने कहानी वाचन दोहा, भाषण, कविता स्पर्धा में भाग लिया। वही कक्षा छटवी से दसवीं के बच्चों का कवि, लेखक और गीत के माध्यम से छात्रों ने कार्यक्रम को बहुत ही रोमांचक बनाया। पांचवी कक्षा के छात्रों ने ‘कोशिश करने वालो की हार नहीं होती’ यह कविता और कबीर दास जी के दोहे और हिंदी दिवस पर भाषण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सभी कक्षा के छात्रों ने ‘हिंदी भारत मां की बिंदी’ गीत का बहुत ही सुन्दर प्रदर्शन किया गया। सातवी कक्षा से कृष्णा तिवारी ने भाषण के माध्यम से हिंदी का महत्व बताते हुए कार्यकर्म की शोभा बढ़ाई।
प्यार मिला तो शब्द उसने मां दिया,
प्रकृति मीली तो शब्द उसने सौंदर्य दिया,
यही मेरी अभिलाषा है,
हिंदी मेरी भाषा है।

कक्षा सातवी से वही ‘रामधारी सिंह दिनकर’ की सुन्दर सी कविता ‘कोई अर्थ नहीं’ कविता का सुंदर गायन गाया गया। नौवीं और दसवी कक्षा के निहाल पाठक, स्वास्तिक तिवारी और समीक्षा पांडे ने प्रसिद्ध लेखक, कवि और कवित्री हरिवंशराय बच्चन मुंशी प्रेमचन्द, सुभद्रकुमारी चौहान का जीवन परिचय और कविता बताया। कार्यक्रम का समापन पूजा पांडे शिक्षका द्वारा आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती और महात्मा गांधी का किस तरह हिंदी दिवस के प्रचार प्रसार करने में बहुत बड़ा योगदान रहा बताया गया। किस तरह हम भाषा, प्रांत, जाती के बंधनों से बंधे है और हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री देश और विदेशों में अपना भाषण हिंदी में ही देते है। यह बता करके वातावरण को जोश से परिपूर्ण किया। तथा हिंदी शिक्षिका सिमा चौहान द्वारा समाज के व्यौहार राजेंद्र सिंह (हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार) जिन्होंने हिंदी को भारत की राजभाषा बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और समस्त विश्व में हिंदी भाषा को सन्मान दिलाने के लिए कविता को प्रस्तुत करने का सबसे बड़ा योगदान रहा।

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