जम्मू : (Jammu) नटरंग के साप्ताहिक रंगमंच श्रंखला संडे थियेटर (Natarang’s weekly theatre series Sunday Theatre) के तहत रविवार को नटरंग स्टूडियो थिएटर में प्रसिद्ध रंग निर्देशक नीरज कांत द्वारा निर्देशित डोगरी नाटक गत्ते च माणू का मंचन किया गया। यह नाटक बलवंत ठाकुर द्वारा कृष्ण चंदर (Dogri play Gatte Cha Manu directed by famous theatre director Neeraj Kant) की प्रसिद्ध उर्दू कहानी खड्डा पर आधारित है, जिसमें आधुनिक समाज में मानवीय मूल्यों के क्षय पर तीखा व्यंग्य किया गया है। बलवंत ठाकुर ने इस क्लासिक को इस तरह समसामयिक रूप में ढाला है कि दर्शक इसे अपने जीवन और आस-पास की घटनाओं से जोड़ने लगते हैं। नाटक में दिखाया गया है कि किस प्रकार समाज के हर वर्ग के लोग जिम्मेदारियों से बचते हैं और केवल भाषणबाज़ी तक सीमित रह जाते हैं।
नाटक में एक आम आदमी गड्ढे में गिरा पड़ा है और मदद के लिए पुकारता है, लेकिन उसके पास से गुजरने वाले लोग सर्वेयर, युवा, साधु, पुलिस, नेता और विदेशी महिला, उसे केवल आश्वासन, बहाने या उपदेश ही देते हैं। युवा प्रेमिका की तलाश में व्यस्त हैं, साधु आशीर्वाद देकर चलता बनता है, पुलिसवाला एफआईआर लिखने को कहता है, विदेशी महिला उससे भारत-पाकिस्तान में चुनाव पूछती है। मंत्री के दौरे पर वहां मंच बना दिया जाता है, भाषण होता है, सरकार की उपलब्धियाँ गिनाई जाती हैं, लेकिन गड्ढे में गिरा आम आदमी वहीं का वहीं रह जाता है।
अंत में एक दर्शक मंच पर आकर दर्शकों से अपील करता है कि आज़ादी के 78 साल बाद भी अगर आम आदमी गड्ढे में ही पड़ा है, तो हमें मिलकर उसे निकालना होगा। नाटक समाज के उन उपेक्षित वर्गों की पीड़ा को उजागर करता है जो आज भी सत्ताधारियों की मदद के मोहताज हैं।