जयपुर : केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि आगामी समय में भारत वह देश होगा जो ग्लोबल वैल्यू चेन मैंपिंग का सबसे ज्यादा लाभ उठाएगा। पहले भारत का ग्लोबल वैल्यू चेन में हिस्सा कम था। कुछ चीज ऐसी थी, जिनमें हमारा योगदान रहता था। कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने इन ग्लोबल वैल्यू चेंज का लाभ लिया है। इससे नई नौकरियां प्राप्त हुई हैं। नए काम के अवसर आए हैं। निवेश आया है। पिछले 9 साल में प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र में बहुत काम किया है। प्रधानमंत्री की समझ पहले से ही दिशा में बहुत पक्की थी कि जब तक हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का योगदान वैल्यू चेन में नहीं डालेंगे तब तक हम वैश्विक स्तर पर बड़ी छलांग नहीं लगा पाएंगे। अब समय आ गया है कि उसका लाभ भारत के उद्योग जगत और व्यापार जगत को मिले और उसका लाभ लेना शुरू कर दिया है।
गोयल जयपुर के होटल रामबाग में जी-20 देशों के वाणिज्य और उद्योग मंत्रियों की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले वक्त में सुपर पाॅवर के तौर पर उभरेगा। हर देशवासी एक विकसित देश में काम करेगा। आगे हमारे युवक युवतियों को अच्छे अवसर मिलेंगे। आगे की पीढ़ी पैदा होगी। वह एक विकसित भारत में पैदा होगी। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने, यह प्रधानमंत्री का संकल्प है। 140 करोड़ देशवासी संकल्प के साथ जुड़े हुए हैं। भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए और ज्यादा काम करने के लिए प्रोत्साहन दिया। जी-20 की ट्रेड और इन्वेस्टमेंट मिनिस्टर्स की मीटिंग में हुए फैसले मील का पत्थर साबित होंगे।
उन्होंने कहा कि जयपुर में दो दिन तक चली जी-20 के उद्योग और वाणिज्य मंत्रियों की बैठक में तीन प्रमुख फैसले किए गए हैं। बैठक में ग्लोबल वैल्यू चेन की मैपिंग करने, एमएसएमई सेक्टर के लिए जयपुर कॉल और इंटरनेशनल ट्रेड के डिजिटलाइजेशन के लिए मापदंड तय किए गए हैं। गोयल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सप्लाई चेन के तहत ग्लोबल वैल्यू चेन की मैपिंग का फैसला किया गया है। वैल्यू चेन को एक पटल पर लाया जाए, जिससे सदस्य देशों को फायदा हो। ग्लोबल वैल्यू चेन में आने वाली दिक्कतों के समाधान की आवश्यकता है। उन्हें तलाश कर समाधान निकाला जाएगा। एमएसएमई सेक्टर के लिए जयपुर कॉल का एक्शन दिया गया है। सदस्य देश एमएसएमई के बारे में डाटा और सूचनाएं साझा करेंगे। छोटे और मझोले उद्योगों के लिए मदद मिलेगी। जयपुर कॉल एक्शन एमएसएमई की सूचनाओं को सरल रूप से साझा करने के लिए बनाया गया है।
गोयल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाने और उसे डिजिटल बनाने को लेकर 10 हाई लेवल मापदंड तय किए गए हैं। ताकि डिजिटल टेक्नोलॉजी का लाभ सदस्य देशों को मिल सके। ये 10 हाई लेवल मापदंड आगे चलकर वर्ल्ड ट्रेड को डिजिटलाइज करने में मददगार साबित होंगे। इन प्रिंसिपल के माध्यम से विश्व व्यापार को और अच्छा और सरल बना पाएंगे। भारत की सहभागिता विश्व व्यापार में बढ़ सके, उसके लिए कई अहम फैसले किए गए हैं। गोयल ने कहा कि पहले भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग नहीं होती थी। अब विश्व के सबसे ज्यादा मोबाइल फोन भारत में बनते हैं। जिस तरह इकोनॉमी बढ़ रही है, इको सिस्टम भारत में आ रहा है। आगे चलकर कंपोनेंट और एक्सेसरीज बनेगी। पैकेजिंग डिजाइन अच्छा होगा। एक पूरी वैल्यू चेन भारत में नए तरीके से नए रोजगार पैदा करेगी। इससे नए निवेश और रोजगार के अवसर पैदा होंगे जैसे ही ग्लोबल वैल्यू चेन की मैपिंग होगी, इसका सीधा लाभ भारत को मिलेगा।
इससे पूर्व जी20 व्यापार और निवेश मंत्रियों की बैठक जयपुर में शुक्रवार को संपन्न हुई। बैठक का नेतृत्व केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने किया। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन, अंकटाड (यूएनसीटीएडी), अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र (आईटीसी) और ओईसीडी सहित जी20 के सदस्य देशों, अन्य आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने आउटकम डॉक्यूमेंट और अध्यक्षीय सारांश को अंतिम रूप देने और अंगीकार करने में विचार-विमर्श की प्रतिबद्धता और योगदान के लिए उनकी सराहना की।
उद्घाटन अवसर पर गुरुवार को जी20 देशों के मंत्रियों को दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जी20 के रूप में अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश व्यवस्था में विश्वास की फिर से बहाली करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने ऐसी लचीली और समावेशी वैश्विक मूल्य श्रृंखला (जीवीसी) बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जो भविष्य के किसी भी तरीके के आघातों का सामना कर सके और वैश्विक व्यापार में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की उच्च भागीदारी सुनिश्चित कर सके। उन्होंने डब्ल्यूटीओ को मूल में रखते हुए नियम-आधारित, खुली, समावेशी, बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में भारत का दृढ़ विश्वास होने की बात भी कही।
भारत की अध्यक्षता में जी20 देशों के व्यापार और निवेश मंत्रियों में पांच ठोस और कार्रवाई-उन्मुख डिलिवरेबल्स पर सहमति बनी। इन्हें जयपुर में आयोजित व्यापार मंत्रिस्तरीय बैठक के आउटकम डॉक्यूमेंट में अपनाया गया है। एमएसएमई तक सूचनाओं की पहुंच रहे, इसके लिए जी20 देशों के मंत्रियों ने “जयपुर कॉल फॉर एक्शन“ भी जारी किया। मंत्रियों ने जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र (आईटीसी) से इसके वैश्विक व्यापार हेल्पडेस्क के उन्नयन के लिए अंकटाड और डब्ल्यूटीओ के परामर्श से एक विस्तृत कार्यान्वयन योजना पर काम करने का आह्वान किया, जो एमएसएमई द्वारा इन्फॉर्मेशन गैप की समस्या को दूर करेगा। मंत्रियों ने जीवीसी के लिए जी20 जेनेरिक मैपिंग फ्रेमवर्क का भी समर्थन किया। इसके अलावा फ्रेमवर्क में महत्वपूर्ण जीवीसी को लचीला और मजबूत बनाए रखने की आवश्यकता में सहयोग के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत भी प्रतिपादित किए गए हैं।
जी20 देशों के मंत्रियों ने पेशेवर सेवाओं के लिए पारस्परिक मान्यता समझौतों (एमआरए) में हो रहे अच्छे कामों को स्वैच्छिक रूप से साझा करने का स्वागत किया और व्यावसायिक सेवाओं के लिए एमआरए पर किए जा रहे अच्छे कामों का एक प्रेसीडेंशियल कॉम्पेंडियम बनाने के सुझाव का समर्थन किया। इस कॉम्पेंडियम से एमआरए में सफल प्रवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे हमारे डॉक्टरों, नर्सों, वकीलों, वास्तुकारों और अन्य पेशेवरों की तकनीकी योग्यताओं को अन्य देशों द्वारा मान्यता मिल सकेगी। इस प्रकार यह हमारे पेशेवरों को दुनिया भर में अपनी तकनीकी सेवाएं प्रदान करने में काफी मदद करेगा।
जी20 मंत्रियों ने नियामक मतभेदों और संबंधित व्यापार लागतों को कम करने, व्यापार में आने वाली अनावश्यक परेशानियों को खत्म करने, व्यापार और निवेश-संबंधित उपायों की निगरानी करने और मौजूदा परेशानियों को हल करने के लिए आपसी संवाद के महत्व को स्वीकार किया। जी20 देशों के मंत्रियों ने 2023 में जी20 मानक संवाद आयोजित करने के अध्यक्ष के सुझाव का स्वागत किया। इससे सदस्यों, नीति निर्माताओं, नियामकों, मानक-निर्धारण निकायों और अन्य हितधारकों को आपसी हितों से जुड़े विषयों जैसे अच्छी नियामक प्रथाओं और मानकों आदि के बारे में चर्चा करने के लिए एक मंच पर लाया जा सकेगा। सभी पांच आउटकम्स को जी20 मंत्रियों से व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ।
विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक डॉ एनगोजी ओकोन्जो-इवेला ने सभी जी20 देशों के मंत्रियों से 2024 की शुरुआत में डब्ल्यूटीओ के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी13) में समझौते के लिए रियलस्टिक डिलिवरेबल्स को सीमित करने का आह्वान किया। इस संबंध में जी20 देशों के मंत्रियों ने डब्ल्यूटीओ को मूल में रखते हुए बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की आवश्यक भूमिका की पुष्टि की। उन्होंने डब्ल्यूटीओ की नियम बनाने वाली शाखा को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और डब्ल्यूटीओ में चल रही बातचीत के महत्व को रेखांकित किया। जी20 देशों के मंत्रियों ने डब्ल्यूटीओ के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी13) में डब्ल्यूटीओ सुधारों सहित सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए रचनात्मक रूप से काम करते रहने पर सहमति दी।
