जयपुर : जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर -तृतीय ने उपभोक्ता को जगतपुरा स्थित इंदिरा गांधी नगर योजना में प्लिंथ लेवल प्लॉट की जगह घटिया निर्माण सामग्री का मकान ज्यादा लागत पर देने को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस व सेवा दोष करार दिया है। वहीं हाउसिंग बोर्ड पर पांच लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। आयोग ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड का परिवादी को प्लिंथ लेवल के प्लॉट की जगह देरी से घटिया निर्माण सामग्री वाला निर्मित मकान लेने के लिए मजबूर करना सेवा दोष है। ऐसे में परिवादी को हाउसिंग बोर्ड से क्षतिपूर्ति दिलाया जाना उचित होगा। आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र मोहन माथुर व सदस्य सीमा शर्मा ने यह आदेश गिरधारी लाल सांवरिया के परिवाद पर दिए।
परिवाद में कहा गया कि उसने वर्ष 2001 में इंदिरा गांधी नगर योजना में एचआईजी श्रेणी में प्लिंथ लेवल के मकान के लिए आवेदन किया था। उसे 236 वर्ग मीटर का प्लॉट आवंटित भी किया, लेकिन उसे कब्जा नहीं दिया गया। वहीं बाद में हाउसिंग बोर्ड ने 3 अगस्त 2010 को पत्र लिखकर उससे पूर्ण निर्मित मकान के लिए स्वीकृति मांगी और ऐसा नहीं करने पर वरीयता सूची निरस्त करने की चेतावनी दी। जिस पर परिवादी ने मजबूर होकर मकान के लिए अपनी मंजूरी दे दी। इस पर उसे 2012 में निर्मित मकान ज्यादा कीमत पर आवंटित कर दिया, लेकिन उसकी निर्माण सामग्री घटिया थी। परिवादी ने प्लिंथ प्लॉट की जगह उसे घटिया निर्माण सामग्री का मकान देरी और ज्यादा कीमत पर देने को उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए क्षतिपूर्ति दिलाने का आग्रह किया।