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Jaipur : गाय के गोबर से बने उत्पादों का अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया में निर्यात

Jaipur: Export of products made from cow dung to America, Australia

जयपुर: (Jaipur) हाथी के गोबर से कागज बनाया जा सकता है, तो गाय के गोबर से कागज क्यों नहीं बनता?’ जब जयपुर के व्यवसायी भीमराज शर्मा से 2016 में उनकी बेटी ने यह सवाल पूछा, तो वास्तव में यह प्रेरणा का एक स्रोत बना और शर्मा उस दिशा में आगे बढ़ते चले गये। आज वह गाय के गोबर से बने उत्पादों का अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में निर्यात कर रहे हैं।

ऑफसेट प्रिंटिंग के व्यवसाय से जुड़े शर्मा ने इस विचार पर शोध करना शुरू किया और गाय के गोबर से कागज बनाया, हालांकि यह इतना अच्छा नहीं था, फिर भी उन्होंने अपने आत्मविश्वास को बनाये रखा।गाय के गोबर से कागज बनाने वाली गौकृति कंपनी के प्रमुख शर्मा ने बताया कि आज यह कागज न केवल उच्च गुणवत्ता का है, बल्कि ऐसा कोई उत्पाद नहीं है जो इस गाय के गोबर के कागज से नहीं बनाया जा सकता है।

उन्होंने कागज बनाने के बाद एक कदम आगे बढ़ते हुए गाय के गोबर से गुलाल और छोटे हवन-कुंड जैसे सामान और राखी, पेंसिल, होली और दिवाली के विशेष सामान बनाने का भी सफल प्रयोग किया।शर्मा ने शुरुआत में बॉक्स, लिफाफे और डायरी जैसे सामान बनाए और आज उत्पादों का दायरा 100 को पार कर गया है। ग्राहकों की जरूरत के अनुसार डायरी, बॉक्स, पेंसिल और सजावटी सामान से लेकर राखी, दिवाली और होली पैक जैसे सामान से लेकर छोटे हवन कुंड तक, सभी सामान कंपनी बना रही है। इन सामानों का आस्ट्रेलिया और अमेरिका को निर्यात भी किया जा रहा है।

शर्मा ने कहा कि शोध और विकास के शुरुआती दिनों में उनके दोस्त उनका मजाक उड़ाते थे।उन्होंने कहा कि “मुझे उम्मीद है कि आने वाले वित्त वर्ष में कंपनी का कारोबार एक करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।’’शर्मा ने कहा कि वह अब गाय के गोबर के साथ अन्य जानवरों के गोबर का उपयोग कागज और अन्य सामान बनाने के लिए कर रहे हैं।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “उनकी यह पहल न केवल लाभ कमाने के लिए बल्कि पर्यावरण को बचाने के लिए भी है। दुनिया भर में कागज की भारी मांग है और इसके लिए मुख्य रूप से मिल पेपर का उपयोग किया जाता है।’उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से बने कागज और सामान्य हस्तनिर्मित कागज में ज्यादा अंतर नहीं होता है।

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