जबलपुर:(Jabalpur) राजधानी भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विनष्टीकरण किए जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट (High Court) में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को केन्द्र सरकार की तरफ से अपना जवाब पेश किया गया। हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस डीएन मिश्रा की युगलपीठ को केन्द्र की ओर से बताया गया कि 347 मीट्रिक टन रासायनिक कचरे के विनिष्टिकरण के लिए प्रदेश सरकार को 126 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ का बताया गया कि ओवरसाइट समिति ने अपनी बैठक में निर्णय लिया कि संयंत्र में संग्रहीत रासायनिक कचरे का निपटान पीथमपुर औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पीथमपुर में किया जाएगा। इस कार्य में 185 से 377 दिन का समय लगने की संभावना है।
गौरतलब है कि आलोक प्रभाव सिंह द्वारा साल 2004 में उक्त याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि भोपाल गैस त्रासदी के दौरान यूनियन कार्बाइड कंपनी से हुए जहरीले गैस रिसाव में लगभग चार हजार से अधिक व्यक्ति की मौत हो गई थी। भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में करीब 350 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पड़ा हुआ है। याचिका में जहरीले कचरे के विनष्टीकरण की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की मृत्यु के बाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई स्वतः संज्ञान लेकर कर रहा है।