India Ground Report

दिल में उजले कागज पर

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राही मासूम रजा

दिल में उजले कागज पर हम कैसा गीत लिखें
बोलो तुम को गैर लिखें या अपना मीत लिखें

नीले अम्बर की अंगनाई में तारों के फूल
मेरे प्यासे होंठों पर हैं अंगारों के फूल
इन फूलों को आख़िर अपनी हार या जीत लिखें

कोई पुराना सपना दे दो और कुछ मीठे बोल
लेकर हम निकले हैं अपनी आंखों के कश-कोल
हम बंजारे प्रीत के मारे क्या संगीत लिखें

शाम खड़ी है एक चमेली के प्याले में शबनम
जमुना जी की उंगली पकड़े खेल रहा है मधुबन
ऐसे में गंगा जल से राधा की प्रीत लिखें

कवि परिचय :

‘आधा गांव’ जैसा कालजयी उपन्यास लिखने वाले राही मासूम रजा (Rahi Masoom Raza) की कविताएं नई पीढ़ी में खूब पसंद की गईं। उत्तर प्रदेश में जन्में रजा ने 15 मार्च 1992 को इस दुनिया को अलविदा कहा।

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