हिसार: (Hisar) सभी मां बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा स्वाभिमान युक्त स्वावलंबी जीवन जिए लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में कुछ बच्चों को विशेष ध्यान और माहौल की जरूरत होती है। महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज में ऐसे बच्चों को ध्यान में रखकर जो पुनर्वास केंद्र शुरू किया गया है, जो कॉलेज प्रशासन और संस्था के समाज के प्रति जागरूकता को दर्शाता है। यह एक सराहनीय कदम है। यह बात राज्यसभा सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. डीपी वत्स ने मंगलवार को महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज में चाइल्ड डिसेबिलिटी स्कूल एंड रिहेबिलिटेशन सेंटर का उद्घाटन करते हुए कही।
अग्रोहा मेडिकल में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष स्कूल और रिहेबिलिटेशन सेंटर कॉलेज प्रशासन और संस्था के प्रयासों से शुरू किया गया है। यह सेंटर दिव्यांग बच्चों के लिए उम्मीद की एक किरण है और न केवल हिसार बल्कि पूरे प्रदेश में उदाहरण है। यहां हिसार के अलावा पूरे प्रदेश के विशेष बच्चों के लिए थेरेपी और विशेष सुविधाएं हैं।
सांसद वत्स ने कॉलेज प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि देश के हर नागरिक को स्वाभिमान से जीने की राह दिखाना नेक कार्य है और वह बच्चे जो किसी कारणवश विशेष ध्यान चाहते हैं, उनके लिए इस प्रकार कर स्कूल खोलना और उन्हें उनके जीवन को समुचित रूप से चलाते हुए उनके सर्वांगीण विकास को गति देना अच्छा प्रयास है।उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार भी दिव्यांग बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है और अग्रोहा मेडिकल के इस स्कूल के जरिए इस प्रकार के बच्चों को भी मुख्यधारा से जोड़ा जा सकेगा।
उद्घाटन कार्यक्रम में महाविद्यालय निदेशक डॉ. अलका छाबड़ा, निदेशक प्रशासन डॉ. आशुतोष शर्मा, एमएस डॉ. राजीव चौहान, डीएमएस डॉ. शमशेर मलिक, डॉ. सुरेंद्र गोदारा, डॉ. प्रोमिला पांडे, डॉ. पवन अग्रवाल, डॉ. शिक्षांक, डॉ. अभिषेक आचार्य, डॉ. हर्ष भयाना, डॉ. कृष्णा, डॉ. अमित अहलावत, डॉ. आदर्श, डॉ. निशा, डॉ. अंजली, डॉ. मुकेश, डॉ. ऋतु, सोनू, गीता, दीपक व सभी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।